मुख्य अभियंता झारखण्ड, हज़ारीबाग़, (आरिफ़): उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल मुख्यालय के जल संसाधन विभाग में तीन माह से मुख्य अभियंता का पद रिक्त है. इसके कारण हज़ारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ समेत सात जिलों में जलाशयों और बड़े बांधों की निगरानी और रखरखाव का काम पूरी तरह ठप हो गया है. अधिकारी और किसान दोनों ही इस रिक्ति को गंभीर समस्या बता रहे हैं.
यह पद 31 अगस्त से खाली है
जानकारी के मुताबिक, मुख्य अभियंता हेमंत कुमार लोहानी 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हुए थे. जमील अख्तर को 1 जून को प्रभारी मुख्य अभियंता बनाया गया था, लेकिन वह भी 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गये. जिसके बाद से यह पद खाली है. मुख्य अभियंता के अधीन छह प्रभाग हैं। इसमें बरही, हज़ारीबाग़, बनासो (विष्णुगढ़), डुमरी और बगोदर (गिरिडीह) और तेनुघाट (बोकारो) शामिल हैं.
पूरे प्रमंडल का संचालन हज़ारीबाग़ और तेनुघाट से होता है।
व्यवस्था के मुताबिक, पूरे प्रमंडल का संचालन दो सर्किल हजारीबाग और तेनुघाट से होता है, लेकिन तेनुघाट सर्किल में अधीक्षण अभियंता (एसी) का पद भी लंबे समय से खाली है. इसके अलावा बरही डिवीजन में कार्यपालक अभियंताओं की भी कमी है. फिलहाल राहुल मालतो को हजारीबाग जल पथ संख्या 2 का अस्थायी प्रभारी बनाया गया है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि जटिल व्यवस्था के लिए यह पर्याप्त नहीं है.
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कई काम अटके
लंबे समय तक पद खाली रहने के कारण कई काम अटके हुए हैं। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया है. हज़ारीबाग-गिरिडीह-बोकारो के सीमा क्षेत्र स्थित बानासो जलाशय, रामगढ़ के भैरवा डैम, चतरा के डुलकी जलाशय समेत कई जल निकायों पर करोड़ों रुपये की विकास और सिंचाई योजनाएं चल रही हैं. किसानों को सिंचाई, पटवन व अन्य लाभ पहुंचाने के लिए इन परियोजनाओं का समय पर संचालन जरूरी है, लेकिन मॉनिटरिंग ठप होने से रबी सीजन पर असर पड़ने की आशंका बढ़ गयी है.
विभागीय अधिकारी ने कहा- रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है.
विभागीय अधिकारी प्रकाश चंद्र बिरुआ, अधीक्षण अभियंता (जल संसाधन), हजारीबाग ने कहा, “रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। जल स्रोतों की निगरानी को पटरी पर लाने के लिए तुरंत कदम उठाए जा रहे हैं।” वहीं स्थानीय किसानों और ब्लॉक स्तर के प्रतिनिधियों का कहना है कि तत्काल नियुक्ति और अस्थायी तैनाती की व्यवस्था के बिना आने वाले सीजन में कई स्थितियां खतरे में पड़ सकती हैं.
मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंच गया है
इस मामले की जानकारी विभागीय उच्च अधिकारियों तक पहुंच गयी है. अब देखना यह है कि किस समयावधि में रिक्त पदों को भरने और मॉनिटरिंग को बहाल किया जाता है, ताकि किसानों को समय पर जल उपयोगिता और परियोजना का लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
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