कार्यालय संवाददाता, कानपुर, लोकजनता: अपने आरोपों और हरकतों से चर्चा में रहने वाले निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बर्खास्त कर दिया गया। फजलगंज थाने में तैनाती के दौरान चोरी का ट्रांसफार्मर बेचने का मामला गरमा गया था। फिर शिकायत सेल में पोस्टिंग के दौरान भी आरोप लगे. अधिवक्ता अखिलेश दुबे के खिलाफ रंगदारी की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले भाजपा नेता रवि सतीजा ने भी आरोप लगाया था।
इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी पर लगभग हर पोस्टिंग के दौरान गंभीर आरोप लगे। मई 2022 में उनके थाना प्रभारी रहते हुए नवाबगंज में एक व्यापारी के घर चोरी हुई थी। शक के आधार पर इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी ने उन्नाव निवासी नौकरानी और उसकी बेटी को उठाया। न तो रिपोर्ट दर्ज की गई और न ही मां-बेटी को कहीं दाखिल किया गया। मां-बेटी को अवैध हिरासत में रखकर पीटा गया। महिला की हालत बिगड़ने पर मां-बेटी को आशा ज्योति केंद्र पर छोड़ दिया गया। महिला ने आशा ज्योति केंद्र के बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यहां एडवोकेट सिंडिकेट ने इंस्पेक्टर का साथ दिया और मामले को रफा-दफा कर दिया. बिना किसी कार्रवाई के नवाबगंज से बड़हियां मलाइदार थाना फजलगंज में तैनाती मिल गई। पूर्व कमिश्नर अखिल कुमार ने आरोपों की जांच कराई तो इंस्पेक्टर को मां-बेटी को अवैध हिरासत में रखने का दोषी पाया गया। फिर फजलगंज में भी कई आरोप लगे, लेकिन निपट गये. लेकिन चोरी का ट्रांसफार्मर बेचने के मामले में उन्हें फजलगंज से हटना पड़ा और शिकायत कोषांग में तैनाती मिल गयी. यहां भी आरोपों की झड़ी लग गई. यहां तैनात रहने के दौरान भाजना नेता रवि सतीजा ने आरोप लगाया था कि इंस्पेक्टर उन्हें मिलवाने के लिए अखिलेश दुबे के कार्यालय में ले गये थे. आगे से यहां से अनुपस्थित रहना. निलंबन के बाद बर्खास्त कर दिया गया.
कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों का निर्वहन न करने का आरोप
जेसीपी क्राइम एवं मुख्यालय विनोद कुमार सिंह ने बताया कि निलंबित इंस्पेक्टर आशीष को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन पर अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन न करने का आरोप था, जो विभागीय जांच में उचित पाया गया। इसमें शामिल एसआई के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है। आशीष और रानू रमेश को बर्खास्तगी का नोटिस दिया गया। जब आशीष की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.



