लातेहार: शहर के करकट मदरसा कादरिया जमाल-ए-रजा में अंजुमन इस्लामिया एवं तंजीम-ए-उलमे-ए-अहले सुन्नत की ओर से मुस्लिम समुदाय के न्याय अधिकार संबंधी मामलों को लेकर आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अमाया एवं झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि संयुक्त बिहार में मुस्लिम समुदाय को जो अधिकार मिला था, उसे झारखंड में छीना जा रहा है.
झारखंड सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा वर्ष 2003 से 2023 तक दी गयी आलिम-फाजिल डिग्री की मान्यता समाप्त करने पर तुला है. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं. जिसके चलते असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में शामिल आलिम डिग्री वालों का रिजल्ट पेंडिंग कर दिया गया। जबकि माध्यमिक प्राध्यापक भर्ती में फाजिल डिग्री वालों के रिजल्ट को शामिल नहीं किया गया.
इससे पहले भी शिक्षा विभाग ने 543 उर्दू स्कूलों का दर्जा छीन कर उन्हें सामान्य स्कूलों में तब्दील कर दिया था. बिहार में उर्दू सहायक शिक्षक के 4401 पदों में से 3712 रिक्त पदों को सरेंडर कर दिया गया और उन्हें सहायक शिक्षक का नाम देकर ग्रेड पे आधा कर दिया गया। राज्य में 68 मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए सदन द्वारा पारित भीड़ नियंत्रण निवारण विधेयक को संशोधन के साथ लागू नहीं किया गया.
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में अल्पसंख्यकों के लिए कोई बजट नहीं है, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर भैंस जानवरों को काटने की इजाजत नहीं दी जा रही है. कपड़ों का सरकारी काम बुनाई-सिलाई समितियों को नहीं दिया जाता। सरकारी जमीन पर सदियों से स्थापित मुस्लिम धार्मिक स्थलों को जमीन का पट्टा जारी नहीं किया जा रहा है.
आबादी के हिसाब से मुस्लिम युवाओं को सरकारी और प्राइवेट भर्तियों में भागीदारी नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि झारखंड ने 25 साल पूरे कर लिये हैं. लेकिन झारखंड अलग राज्य आंदोलन में शामिल झारखंडी मुसलमानों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिला. हेमंत सोरेन सरकार सभी मुद्दों को जल्द सुलझाये अन्यथा विधानसभा सत्र के दौरान राज्य के हर जिले में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जायेगा.
आमसभा की अध्यक्षता अंजुमन इस्लामिया लातेहार के संरक्षक शमसुल होदा और संचालन बरकत उल्लाह रिजवी ने किया.
बैठक में अंजुमन इस्लामिया लातेहार के अध्यक्ष आफताब आलम, सचिव रिजवान अली, मदरसा शिक्षक संघ के सचिव फजलुल कादिर, मुफ्ती मोदस्सिर आलम अमजदी, मुफ्ती मोहसिन आजम, कारी जावेद, मौलान रियाजुद्दीन, कारी इरफान रजा, मौलान फैजान रजा, अमाया संगठन के संगठन प्रभारी जियाउद्दीन अंसारी, सद्दाम खान, वारिस अंसारी, अख्तर अंसारी, डॉ. कोनेन, सरताज आलम, मेराजुल हक, लाडले उपस्थित थे। खान, बेलाल अहमद, अयूब अंसारी, अलीमुद्दीन अंसारी, मास्टर राशिद, इस्माइल अंसारी, मौलान नजीर, एहसान अंसारी सहित जिला व प्रखंड के सदर सचिव उलेमा दानिशवर मौजूद थे.



