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Sunday, November 16, 2025
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राजद में घमासान के बीच तेजस्वी यादव की बड़ी समीक्षा बैठक आज, करारी हार से लेकर रोहिणी विवाद पर होगा आत्ममंथन लोकजनता


बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गहरे संकट से गुजर रही है. एक तरफ चुनावी प्रदर्शन ने पार्टी का मनोबल तोड़ दिया है तो वहीं दूसरी तरफ लालू परिवार में खुला विवाद पार्टी को और कमजोर करता नजर आ रहा है. इसी उथल-पुथल के बीच आज तेजस्वी यादव एक पार्टी थी महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक एक कॉल हो रही है, जिसमें हार के कारणों से लेकर संगठनात्मक ढांचे तक हर पहलू पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है.

रोहिणी आचार्य के आरोपों से बढ़ा पारिवारिक तनाव, राजद के लिए गहरी हुई चिंता!

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य हालिया आरोपों से पार्टी के अंदर उथल-पुथल और तेज हो गई है. हमेशा तेजस्वी की प्रबल समर्थक रहीं रोहिणी ने पहली बार परिवार और नेतृत्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई.

  • दुराचार
  • हनन
  • हमले का प्रयास किया
  • और चप्पल उठाने का आरोप लगाया

ऐसे गंभीर मुद्दों से राजद की छवि पर गहरा असर पड़ा है.
उनका राजनीतिक संन्यास और राजद के भीतर अपने परिवार से नाता तोड़ना नया राजनीतिक भूचाल की ओर इशारा करता है.

पार्टी नेताओं का कहना है कि रोहिणी का इस तरह खुला बयान देना और घर छोड़ देना राजद के इतिहास में है. बहुत ही दुर्लभ और दुर्बल करने वाली स्थिति है।

राजद की करारी हार- युवा नेतृत्व पर उठ रहे सवाल

2020 में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद उम्मीद थी कि 2025 के चुनाव में राजद सत्ता के करीब पहुंच जाएगी, लेकिन नतीजे ठीक इसके उलट आए. राजद की सीटें आधी से भी कम रह गईं, जिससे पार्टी का मनोबल टूट गया.

अब पार्टी के अंदर ये सवाल तेजी से उठ रहे हैं-

  • क्या तेजस्वी यादव जनता से नहीं जुड़ पाये?
  • क्या रणनीतिक स्तर पर बड़े फैसले गलत हुए?
  • क्या चुनाव प्रचार में नेतृत्व ने ढिलाई बरती?
  • क्या संजय यादव और सलाहकार टीम को अधिक नियंत्रण देना हानिकारक था?
  • एनडीए की आक्रामक रणनीति, मोदी-नीतीश फैक्टर और जातीय समीकरण का क्या असर पड़ा?

राजद में कई वरिष्ठ नेता अब खुलकर कहने लगे हैं जमीनी स्तर का संगठन कमजोर हुआऔर चुनाव में अंतिम समय में माइक्रो मैनेजमेंट कारगर साबित नहीं हुआ.

तेजस्वी यादव पर ‘दोहरी चुनौती’-संगठन संभालना, परिवार को एकजुट करना

मौजूदा हालात में तेजस्वी यादव के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं-

1. संगठनात्मक संकट

राजद के अंदर नेतृत्व को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है. कई वरिष्ठ नेता रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं. पार्टी को रीसेट करने के लिए:

  • संगठनात्मक परिवर्तन
  • ब्लॉक और जिला स्तर पर फेरबदल
  • नई टीम
  • नये रणनीतिकार

ऐसे विकल्पों पर चर्चा हो रही है.

2. घरेलू कलह

लालू परिवार में अंदरूनी विवाद सामने आने से पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ है.
रोहिणी आचार्य के आरोपों पर अभी तक तेजस्वी की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे असंतोष और बढ़ गया है.

आज की समीक्षा बैठक—क्या निकलेगा?

सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक में तेजस्वी-

  • हार के मुख्य कारणों पर विस्तृत चर्चा
  • चुनावी रणनीति की समीक्षा
  • संगठनात्मक परिवर्तन के संकेत
  • भविष्य की राजनीतिक दिशा
  • रोहिणी विवाद पर आंतरिक चर्चा

-जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा करेंगे।

बैठक में बड़े फैसले या कुछ वरिष्ठ नेताओं को नई जिम्मेदारियां दिए जाने का संकेत मिल सकता है।

क्या फिर खड़ी हो पाएगी राजद?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि इस बार राजद की हार होगी. सबसे बड़ी चुनौती एकता है के बारे में है।
अगर तेजस्वी यादव:

  • पार्टी को पुनः स्थापित करने के लिए,
  • रणनीतिक परिवर्तन करने के लिए,
  • और पारिवारिक विवादों को सुलझाएं

सफल होने पर राजद आने वाले समय में फिर से अपना जनाधार बनाने की कोशिश कर सकता है.

वर्तमान में, आज की समीक्षा बैठक पर सबकी निगाहें हैं पर निर्भर है-
यह बैठक राजद की भविष्य की दिशा तय कर सकती है.


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