Commonwealth Games : यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है कि कॉमनवेल्थ गेम्स के सौवें वर्ष- यानी 2030 में इसका आयोजन अहमदाबाद में होगा. कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला आयोजन 1930 में कनाडा के हैमिल्टन में हुआ था. कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के कार्यकारी बोर्ड ने हाल ही में अहमदाबाद को प्रस्तावित मेजबान शहर के रूप में अनुशंसित किया. वर्ष 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए दो ही शहरों-भारत के अहमदाबाद और नाइजीरिया के अबुजा- ने आवेदन किया था. लेकिन मजबूत बुनियादी ढांचा, आर्थिक ताकत, स्थिर सरकार और खेल स्पर्धाओं के सफल आयोजन के आधार पर अहमदाबाद को तरजीह दी गयी.
अब अहमदाबाद के नाम को आगामी 26 नवंबर को ग्लासगो में होने वाली जनरल एसेंबली में औपचारिक मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जायेगा. हकीकत यह है कि हाल के वर्षों में इस आयोजन के लिए मेजबान शहर ढूंढना चुनौतीपूर्ण रहा है. उदाहरण के लिए, 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स पहले डरबन (दक्षिण अफ्रीका) में होने थे, पर आर्थिक तंगी के कारण आयोजन स्थल अंतिम समय में बदल कर बर्मिंघम (इंग्लैंड) कर दिया गया था. इसी तरह अगले वर्ष होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया) के बजाय ग्लासगो में आयोजित होंगे. इस तरह के आयोजनों से देश में खेल की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलता है. वर्ष 2022 में हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 22 स्वर्ण समेत कुल 61 पदक जीतकर चौथा स्थान हासिल किया था.
बड़ी बात यह है कि 2030 में कॉमनवेल्थ का आयोजन करने से 2036 में ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी की हमारी दावेदारी को और बल ही मिलेगा. भारतीय ओलिंपिक संघ (आइओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि कॉमनवेल्थ गेम्स, 2030 न केवल भारत की विश्वस्तरीय खेल और आयोजन क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह 2047 में विकसित भारत के हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
भारत ने आखिरी बार 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी, जो खराब योजना, निर्माण में देरी और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विवादों में घिर गयी थी. लेकिन अब भारत कॉमनवेल्थ गेम्स को बेहतर तैयारी के साथ आयोजित करने की योजना बना रहा है. जहां तक अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं के आयोजन की बात है, तो भारत 2027 में महिला वॉलीबॉल विश्व चैंपियनशिप और 2028 में विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी की योजना भी बना रहा है, जो खेलों के क्षेत्र में एक ताकत बनने की इसकी महत्वाकांक्षा का ही सूचक है.



