नदियों के बिना देश: दुनिया की बड़ी-बड़ी सभ्यताएं नदियों के किनारे बसीं, लेकिन कल्पना कीजिए कि ऐसे भी देश हैं, जहां कोई नदी हमेशा नहीं बहती। लगभग 18 देश ऐसे हैं जो बिना स्थायी नदियों के अपना जीवन और शहर चला रहे हैं। कहीं पूरा रेगिस्तान है, कहीं छोटा सा द्वीप है, तो कहीं इतनी कम वर्षा होती है कि नदी बनने का सवाल ही नहीं उठता। इसके बावजूद ये देश अलवणीकरण, भूजल, आयातित जल और वर्षा जल संचयन के सहारे पूरी आबादी का जीवन चला रहे हैं। ये उन देशों की कहानी है, जहां इंसानों ने जुगाड़ और टेक्नोलॉजी की मदद से पानी की कमी को दूर करने की कोशिश की.
मध्य पूर्व का सबसे बड़ा नदी रहित क्षेत्र
मध्य पूर्व के कई देशों में सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, ओमान और यमन में एक भी स्थायी नदी नहीं है। लाखों साल पहले यहां नदियां बहती थीं, लेकिन आज यह पूरा इलाका रेगिस्तान और सूखे का प्रतीक है।
- सऊदी अरब: यह देश अलवणीकरण के माध्यम से विश्व में सर्वाधिक जल का उत्पादन करता है। यह पानी शहरों, खेतों और उद्योगों को बचा रहा है।
- ओमान और यूएई: यहां वर्षा के बाद ही अस्थायी जलधाराएं मिलती हैं जिन्हें वाडी कहा जाता है, जो थोड़े समय के लिए चलती हैं, जो जल्द ही सूख जाती हैं।
- कतर और बहरीन: कतर अपनी जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयातित पानी से पूरा करता है।
बहरीन पहले प्राकृतिक झरनों पर निर्भर था, लेकिन अत्यधिक उपयोग और समुद्री जल घुसपैठ के कारण अब लगभग पूरा देश अलवणीकरण पर निर्भर है।
नदियों के बिना देश: अफ़्रीका और यूरोप छोटे देश हैं और यहाँ चुनौतियाँ भी छोटी हैं
अफ्रीका में लीबिया और जिबूती में कोई नदियाँ नहीं हैं क्योंकि यहाँ की जलवायु बहुत शुष्क और रेगिस्तानी है। यूरोप में भी माल्टा, मोनाको और वेटिकन सिटी जैसे कुछ देश अपने छोटे भूमि क्षेत्र और कम वर्षा के कारण नदियों का निर्माण नहीं होने देते हैं। यहां के लोग ज्यादातर भूजल और वर्षा जल भंडारण पर निर्भर हैं। बहामास, मालदीव, किरिबाती, मार्शल द्वीप, नाउरू, टोंगा और तुवालु जैसे देश चारों तरफ से पानी से घिरे हैं, लेकिन वहां ताज़ा पानी बहुत कम है। ये देश वर्षा जल संचयन, छोटे जलभृतों और कुछ स्थानों पर अलवणीकरण पर चलते हैं। बढ़ते समुद्र स्तर और खारे भूजल के कारण मालदीव जैसे देश बड़े खतरे में हैं।
प्रौद्योगिकी और बुद्धिमत्ता ने जान बचाई
नदियाँ न होने के बावजूद रियाद, दुबई और दोहा जैसे शहर दुनिया के आधुनिक स्थानों में गिने जाते हैं। पूरी कहानी के पीछे का रहस्य बड़े अलवणीकरण संयंत्र, स्मार्ट सिटी योजना, वर्षा का उचित उपयोग और सख्त जल नियम हैं। इससे पता चलता है कि अगर इंसान चाहे तो पानी रहित ज़मीन पर भी जीवन और शहर बसा सकता है।
स्थायी नदियों के बिना सभी देशों में सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, ओमान, यमन, लीबिया, जिबूती, मालदीव, माल्टा, मोनाको, वेटिकन सिटी, नाउरू, किरिबाती, तुवालु, मार्शल द्वीप और टोंगा शामिल हैं।
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