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Sunday, November 16, 2025
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जमशेदपुर समाचार: धुर्वा डैम में कार पलटी, जिला जज के दो अंगरक्षक और एक ड्राइवर समेत जिला जज के परिजन की मौत.


-जिला जज के परिवार के कार चालक सतेंद्र सिंह का अभी तक नहीं मिला पता, एनडीआरएफ की टीम ने घंटों की तलाश

-घटनास्थल से एक बॉडीगार्ड की पिस्तौल और एक लापता ड्राइवर का मोबाइल फोन बरामद किया गया।

जमशेदपुर समाचार:

शुक्रवार की रात रांची के धुर्वा डैम में एक कार के टकराने से जमशेदपुर सिविल कोर्ट के जिला जज अरविंद कुमार पांडे के कार चालक अनिल सिंह, बॉडीगार्ड रॉबिन्स कुमार, फैमिली कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज अजीत कुमार सिंह के बॉडीगार्ड उपेंद्र कुमार सिंह की मौत हो गई। जबकि फैमिली कोर्ट के जिला जज के ड्राइवर सतेंद्र कुमार सिंह का पता नहीं चल सका है. घटना शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे की है. शनिवार की सुबह स्थानीय लोगों की नजर डैम में डूबी कार और शव पर पड़ी. लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कार को बाहर निकाला। इसके अलावा चालक अनिल कुमार सिंह, सिपाही सह अंगरक्षक रॉबिन्स कुमार और उपेन्द्र कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. जबकि सतेंद्र कुमार सिंह का अभी तक पता नहीं चल सका है. रॉबिंस कुमार गोलमुरी पुलिस सेंटर में रहते थे. जबकि उपेन्द्र कुमार सिदगोड़ा एवं अनिल कुमार सिंह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवास पर रहते थे. वहीं, सतेंद्र कुमार सिंह जुगसलाई घोड़ा चौक के पास का रहने वाला था.

ये चारों हाईकोर्ट में होने वाले कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

जानकारी के मुताबिक, ये चारों शनिवार को झारखंड स्थापना दिवस पर हाईकोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जिला जज और फैमिली डिस्ट्रिक्ट जज के साथ रांची गये थे. रात करीब 10 बजे जिला जज और पारिवारिक जिला जज को होटल में छोड़ने के बाद चारों डिनर के लिए बाहर चले गये थे. शनिवार सुबह हादसे की जानकारी मिलने पर चारों के परिजन हैरान-परेशान हो गए। इसके अलावा पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारी भी सक्रिय हो गये. सभी लोग आनन-फानन में घटना स्थल की ओर रवाना हो गये. पुलिस ने एनडीआरएफ टीम की मदद से देर शाम तक धुर्वा डैम में सतेंद्र सिंह की तलाश की. लेकिन पता नहीं चल सका. रविवार को फिर एनडीआरएफ की टीम धुर्वा डैम में सतेंद्र सिंह की तलाश करेगी. पुलिस ने मौके से एक बॉडीगार्ड की पिस्तौल और एक लापता ड्राइवर का मोबाइल फोन बरामद किया है.

चार साल पहले जिला जज के ड्राइवर के बेटे की करंट लगने से मौत हो गई थी।

पिछले चार वर्षों में जिला जज के चालक अनिल कुमार सिंह के घर पर दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में पिता-पुत्र की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, चार साल पहले अनिल कुमार सिंह के बड़े बेटे राहुल कुमार की मौत जिला जज के आवास के पास एक भवन के पास करंट लगने से हो गयी थी. परिजन अभी इस गम से उभर भी नहीं पाये थे कि शुक्रवार की रात एक हादसे में अनिल कुमार सिंह की मौत से परिवार सदमे में आ गया. अनिल कुमार सिंह के दो बेटे थे. छोटे बेटे रोहित कुमार ने करीब डेढ़ साल पहले जिला व्यवहार न्यायालय में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में योगदान दिया है.

उपेन्द्र सिंह छपरा के और रॉबिंस कुमार गया के रहने वाले थे.

जानकारी के मुताबिक, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का अंगरक्षक रॉबिंस कुमार गया के टेकारी का रहने वाला था. वह लंबे समय तक जिला जज के अंगरक्षक के रूप में तैनात थे. रॉबिन्स के दो बच्चे हैं। हादसे की सूचना मिलने पर रॉबिन्स के भाई और ससुराल वाले मौके पर पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव को गया ले गये. जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा. पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनकी पत्नी और बच्चे को वाहन से विदा किया. जबकि उपेन्द्र सिंह छपरा के नटवर परसा का रहने वाला है. वह जमशेदपुर के सिदगोड़ा में रहता था. उपेन्द्र सिंह चार भाई हैं. एक भाई धर्मेंद्र सिंह धनबाद रेलवे पुलिस में पदस्थापित हैं, जबकि दूसरे भाई आदित्यपुर अग्निशमन विभाग में पदस्थापित हैं. उनके दो बच्चे हैं. हादसे की सूचना मिलने पर उपेन्द्र सिंह की पत्नी और बच्चे रो-रोकर बेहाल हैं. सूचना मिलने पर आसपास के लोग भी वहां पहुंच गए। स्थानीय महिला व परिजनों ने पत्नी को शांत कराया. जिसके बाद पत्नी और परिजन छपरा के लिए निकल गये. जबकि परिवार के कुछ सदस्य रांची पहुंच गये.

रांची पुलिस लाइन में दी गयी श्रद्धांजलि

सिपाही रॉबिन्स कुमार और उपेन्द्र सिंह के शव के पोस्टमार्टम के बाद रांची पुलिस केंद्र में दोनों को श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि देने के बाद परिजन रॉबिन्स कुमार के शव को गया ले गये, जबकि उपेन्द्र सिंह के शव को परिजन छपरा ले गये, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.

अनिल के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया

इधर, पोस्टमार्टम के बाद जिला जज के ड्राइवर अनिल कुमार सिंह के शव को परिजन देर शाम जमशेदपुर ले गये. जिसके बाद भुइयांडीह सुवर्णरेखा बर्निंग घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. जिसमें कई न्यायालय कर्मियों ने भाग लिया. सभी की आंखें नम थीं. कोर्ट कर्मियों के अनुसार अनिल कुमार सिंह शांत स्वभाव के व्यक्ति थे.

अस्वीकरण: यह लोकजनता अखबार का स्वचालित समाचार फ़ीड है. इसे लोकजनता.कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



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