बालू के अवैध कारोबार से धन उगाही व मनी लॉन्डरिंग के आरोपों की जांच में इडी अफसर रेस विभिन्न व्यवसायों के साथ दक्षिण बंगाल की नदियों के विभिन्न बालू घाटों के ठेका का भी है कारोबार मुर्गासोल एसपी मुखर्जी रोड आवास, निंघा में कारखाना और मुर्गासोल ऑटो मार्केट के दफ्तर में चला सर्च अभियान आसनसोल. बालू के अवैध कारोबार के जरिये धन उगाही और मनी लॉन्डरिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय(इडी) की टीम ने आसनसोल में मनीष बागड़िया नामक कारोबारी के कुल तीन ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया. इसमें उनका मुर्गासोल एसपी मुखर्जी रोड स्थित आवास, मुर्गासोल ऑटो मार्केट स्थित कार्यालय और निंघा स्थित कंक्रीट के स्लीपर बनाने के कारखाना शामिल हैं. मालूम रहे कि बागड़िया परिवार एक संयुक्त परिवार है और इसके अनेक कारोबार हैं, इलाके के प्रतिष्ठित व्यवसायी व उद्योगपति कुनबे के रूप में इन लोगों की पहचान है. दक्षिण बंगाल के नदी घाटों में बालू घाटों के कारोबार से भी बागड़िया परिवार के कुछ सदस्य जुड़े हुए हैं. सूत्रों की मानें, तो इस बालू के कारोबार में इनके साथ आसनसोल के एक प्रतिष्ठि मिठाई दुकान के मालिक और बांकुड़ा के भी एक व्यापारी के जुड़े होने की बात सामने आ रही है. इस विषय में मनीष बागड़िया से फोन पर जानने का प्रयास किया गया, उन्होंने कहा कि बाद में बात करते हैं. सर्च अभियान के दौरान मनीष घर पर नहीं थे. गौरतलब है कि इडी की टीम बालू के अवैध कारोबार के जरिये धन उगाही और काले पैसे को सफेद करने के मामले की जांच कर रही है. जिसे लेकर गुरुवार को राज्यभर में अनेकों जगह पर उनका सर्च अभियान चला. जिसमें आसनसोल भी शामिल है. आठ वाहनों में सवार ईडी की टीम सुबह बागड़िया परिवार के मुर्गासोल स्थित आवास पर पहुंची. सूत्रों के अनुसार घर में मौजूद सभी सदस्यों का मोबाइल फोन जब्त कर जांच की कार्रवाई शुरू हुई. इसके बाद टीम के कुछ सदस्य उनके कार्यालय और कारखाने में पहुंची. सर्च अभियान में क्या मिला? इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. सूत्रों के अनुसार वित्तीय रिकॉर्ड, जिसमें बैंक स्टेटमेंट, बिल और अन्य आर्थिक दस्तावेज, रेत खनन से जुड़े सारे दस्तावेज, कम्प्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जमीन व संपत्ति से जुड़े कागजात, जो संदिग्ध लेनदेन उजागर कर सकते हैं, इसके अलावा कुछ नकदी राशि भी जब्त करने की बात सामने आ रही है. ये सबूत जांच में अहम है, जो बालू के अवैध कारोबार और उससे जुड़ी वित्तीय अपराधों की साक्ष्य को मजबूत कर सकते हैं.
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