उषा मार्टिन का महिला सशक्तीरण अभियानरांची. महिलाओं को अपने जीवन के निर्णय लेने, समान अवसरों तक पहुंचने और सामाजिक बंधनों से मुक्त होने के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है. प्रशिक्षण से महिलाएं कार्यकुशल और आत्मनिर्भर बनती हैं. उक्त बातें सरला बिरला पब्लिक स्कूल की प्राचार्या मनीषा शर्मा ने कही. श्री शर्मा उषा मार्टिन के सभागार में महिला सशक्तीकरण के तहत प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर रही थीं. यह प्रशिक्षण सीएसआर के तहत युवा जागृति मंच व उषा मार्टिन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कराया गया था. इसमें जूट, बांस की सामग्री, सोहराई पेंटिंग व पेपर बैग का प्रशिक्षण प्राप्त 45 महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद बाजार से लिंक किया गया. एसबीपीएस की प्राचार्या ने बताया कि गांवों की अभी मात्र तीन फीसदी महिलाएं ही आत्मनिर्भर हैं. ऐसे में ग्रामीण रोजगार के प्रशिक्षण व उससे आत्मनिर्भर बनने की बहुत संभावनाएं है. एचआर हेड एनएन झा ने कहा कि गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. उषा मार्टिन अपने कारखाने के इर्द-गिर्द के गांवों की महिलाओं को रोजगार, उद्यमिता व कार्यकुशलता से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.
फाउंडेशन के हेड डाॅ मयंक मुरारी ने बताया कि प्रशिक्षित महिलाओं ने अपने हुनर और मेहनत से जूट बैग्स व अन्य उत्पाद तैयार किये हैं, जिनमें पारंपरिक सोहराय पेंटिंग और विभिन्न स्व-निर्मित डिजाइन उकेरे गये हैं. युवा जागृति मंच के सुनील कुमार ने कहा कि गांव की महिलाओं में प्रशिक्षण के प्रति रुचि बढ़ रही है. कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर उनके उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी. कार्यक्रम में प्रिया बागची, मोनीत बूतकुमार, संगीता कुमारी, वरुण कुमार, भुनेश्वर महतो आदि उपस्थित थे.महिलाओं ने 50 हजार की सामग्री बेची
महिला समूहों ने ट्रेनिंग के बाद 50 हजार से अधिक की सामग्री बेच चुकी हैं. सोहराई पेंटिंग अभी तक 20 हजार, ठोंगा 15 हजार, जूट बैग 13 हजार और बांस की सामग्री पांच हजार का बेचा जा चुका है. उषा मार्टिन फाउंडेशन के लाइवलीहुड को-ऑडिनेटर संगीत कुमार ने तबाया कि अगले चरण में टेलरिंग, मशरूम, ब्यूटिशियन और प्लमबरिंग का प्रशिक्षण दिया जायेगा.ग्रामीण जागरूकता का इस्काॅन ने चलाया अभियान
उषा मार्टिन फाउंडेशन के सहयोग से इस्काॅन ने आधा दर्जन गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाया है. इसके माध्यम से गांव के लोगों को नशाबंदी, तनाव, सामाजिक दूरियां, पारिवारिक कलह जैसे विषयों से बचने के उपायों की जानकारी दी गयी. इस दौरान इस्काॅन के स्वामी सुधीर कृष्ण चैतन्य दास और परम प्रकाश ने लोगों को जागरूक बनाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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