भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासी छात्रों के लिए संचालित छात्रावासों को लेकर दो बड़े फैसले लिए हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि अगले वर्ष से 5000 छात्रावास अधीक्षकों की भर्ती की जायेगी. इसके अलावा राज्य के सभी आदिवासी छात्रावासों और आश्रम-विद्यालयों का नाम महान क्रांतिकारियों के नाम पर रखा जाएगा.
इस घोषणा को राज्य में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों की व्यवस्था को मजबूत करने और उन्हें नई पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
रानी दुर्गावती और शंकर शाह-रघुनाथ शाह का सम्मान
सरकार के निर्णय के अनुसार, राज्य में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित सभी कन्या छात्रावासों और आश्रम-विद्यालयों का नाम बदलकर ‘रानी दुर्गावती’ के नाम पर रखा जाएगा। वीरांगना रानी दुर्गावती गोंडवाना साम्राज्य की एक बहादुर शासक थीं, जो अपनी बहादुरी और बलिदान के लिए जानी जाती थीं।
इसी प्रकार, सभी बच्चों के छात्रावासों और आश्रम-विद्यालयों का नाम ‘राजा शंकर शाह-राजा रघुनाथ शाह’ के नाम पर रखा जाएगा। राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को इन महान हस्तियों के जीवन और बलिदान से प्रेरित करना है।
5000 अधीक्षकों की भर्ती से व्यवस्था में सुधार होगा
छात्रावासों के नामकरण के साथ ही मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि अगले वर्ष से प्रदेश के छात्रावासों के लिए 5000 अधीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इस भर्ती का मुख्य उद्देश्य छात्रावासों के प्रबंधन और संचालन को और बेहतर बनाना है।
माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में अधीक्षकों की नियुक्ति से छात्रावासों में अनुशासन, सुरक्षा और शैक्षणिक माहौल मजबूत करने में मदद मिलेगी. इस कदम से लंबे समय से महसूस की जा रही स्टाफ की कमी भी दूर हो जाएगी.



