भारत-कनाडा संबंध: भारत और कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर नई गर्माहट नजर आ रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में साफ कहा है कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर सभी संभावनाएं खुली हैं। यानी बातचीत फिर से पटरी पर आ सकती है. गोयल ने कनाडा के व्यापार मंत्री मनिंदर सिद्धू के साथ दो दौर की बातचीत की है और दोनों देश इस बात पर सहमत दिख रहे हैं कि साझेदारी को पहले से अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए।
क्या अब बातचीत आगे बढ़ेगी?
पीयूष गोयल के बयान से साफ है कि भारत अब बातचीत बंद नहीं करने वाला है. दिल्ली में हुई मंत्रिस्तरीय बैठक और एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उनकी मुलाकात ने एफटीए को फिर से चर्चा में ला दिया है. ये इसलिए भी अहम है क्योंकि कनाडा ने 2023 में अचानक बातचीत बंद कर दी थी. उस वक्त राजनीतिक तनाव के कारण दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हो गए थे.
एफटीए क्यों महत्वपूर्ण है?
अगर यह समझौता हो जाता है तो भारत और कनाडा एक दूसरे पर लगने वाले आयात शुल्क को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और तेजी से बढ़ सकता है. साथ ही भारत से कनाडा को दवाओं, कपड़ों और आईटी सेवाओं का निर्यात भी बढ़ सकता है। वहीं, कनाडा से भारत में कृषि उत्पाद, टेक्नोलॉजी और खनिज जैसी चीजें सस्ती हो सकती हैं।
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अब कारोबार कहां खड़ा है?
फिलहाल भारत और कनाडा के बीच कुल व्यापार करीब 18 अरब डॉलर का है. कनाडा को भारत का निर्यात थोड़ा बढ़ा है, जबकि आयात थोड़ा कम हुआ है। इसके अलावा, कनाडा में लगभग 29 लाख भारतीय मूल के लोग और 4 लाख से अधिक भारतीय छात्र रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करते हैं।
आगे क्या होगा?
अब सबकी निगाहें आगामी बैठकों और कूटनीतिक माहौल पर हैं. अगर रिश्तों में सुधार का यह दौर जारी रहा तो जल्द ही भारत-कनाडा एफटीए फिर से शुरू होता दिख सकता है। उम्मीद यही है कि यह नई शुरुआत दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी.
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