छपरा. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चर्चित मुकाबलों में से एक था छपरा चुनाव, जहां भोजपुरी सुपरस्टार और राजद उम्मीदवार हैं. खेसरी लाल यादव बीजेपी उम्मीदवार को छोटी लड़की उसे हराकर बड़ा उलटफेर किया.
इस जीत के बाद क्षेत्र के सांसद मो राजीव प्रताप असभ्य उन्होंने तीखा बयान देते हुए कहा कि जनता ने दिखावे की राजनीति को नकार दिया है और विकास और सादगी का रास्ता चुना है.
रूधि ने छोटी कुमारी की जीत पर खुशी जताई और उनका बॉडीसूट पहना.
विजय रैली के दौरान सांसद राजीव प्रताप रुढ़ी ने विजयी विधायक को बधाई दी. छोटी लड़की उनका सम्मान करते हुए उन्हें बॉडीसूट पहनाया गया.
उसने कहा:
“छपरा के लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यहां काम करने वाले लोगों को महत्व दिया जाता है। छोटी कुमारी की जीत लोगों के विश्वास, कड़ी मेहनत और जमीन से जुड़े कार्यों की जीत है।”
रूडी ने दावा किया कि यह जीत संगठन की मजबूत पकड़ और स्थानीय मुद्दों के प्रति बीजेपी की प्रतिबद्धता का नतीजा है.
खेसारी पर सीधा हमला- ‘बात गरीबी की, लेकिन सैकड़ों लीटर दूध बर्बाद’
प्रचार के दौरान कुछ जनसभाओं में खेसारी लाल यादव गरीबों की समस्याओं पर मुखर रहे. लेकिन इस बीच उनका दूध से नहाते हुए एक पुराना वीडियो फिर से वायरल हो गया, जिसे विपक्ष ने मुद्दा बना लिया.
इसी सन्दर्भ में रुधि ने व्यंग्यपूर्वक कहा:
“गरीबी और भुखमरी की बात कर वोट मांगने वाले लोग सैकड़ों लीटर दूध बर्बाद कर देते हैं। छपरा की जनता अब ऐसे दिखावे से प्रभावित नहीं होती। लोग विकास चाहते हैं, नौटंकी नहीं।”
उनका बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक बहस में नई गर्माहट ला रहा है.
छपरा का समीकरण बदला-स्थानीय मुद्दों ने स्टारडम को हराया
राजद ने बड़ा दांव खेलते हुए खेसारी लाल यादव को छपरा सीट से मैदान में उतारा था.
लेकिन चुनावी आंकड़ों से यह साफ हो गया कि सिर्फ लोकप्रियता और ग्लैमर से वोटों का गणित नहीं बदलता.
- मतदाताओं ने विकास कार्यों का समर्थन किया
- संगठित बूथ प्रबंधन
- और छोटी लड़की की ज़मीनी छवि
को प्राथमिकता दी.
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार विभिन्न पंचायतों में महिला मतदाताओं ने छोटी कुमारी को भारी समर्थन दिया, जो उनकी जीत में निर्णायक साबित हुआ.
बीजेपी में जश्न, राजद खेमे में निराशा
गिनती पूरी होते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया.
जश्न में ढोल-नगाड़ों के साथ आतिशबाजी की गई।
वहीं, खेसारी की हार से राजद कार्यकर्ता निराश दिखे.
पार्टी नेताओं का कहना है कि खेसारी लाल यादव का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, जबकि राजद उनकी लोकप्रियता को देखते हुए इस सीट पर जीत का दावा कर रही थी.
छपरा की राजनीति को नई दिशा
विश्लेषकों का मानना है कि:
- छोटी कुमारी की जीत
- खेसरी लाल यादव की हार
- और रूढ़िवादिता के आक्रामक बयान
आने वाले वर्षों में छपरा की राजनीति का स्वरूप बदल दिया है.
बीजेपी इस जीत को ‘संगठन और विकास की राजनीति’ की जीत बता रही है, जबकि राजद इसे ‘लोकप्रियता की गलत व्याख्या’ मान रहा है.
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