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Saturday, November 15, 2025
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बहरागोड़ा में ‘अमाडेर भाषा’ निःशुल्क बांग्ला शिक्षण केंद्र शुरू, बांग्ला संस्कृति को अगली पीढ़ी को सौंपने का संकल्प


गौरव पाल/न्यूज़ 11 भारत

बहरागोड़ा/डेस्क: महिलाएं ठान लें तो इतिहास भी बदल सकती हैं- इसी विश्वास के साथ बहरागोड़ा की नौ महिलाओं ने एकजुट होकर अनोखी पहल की है. नेताजी सुभाष शिशु उद्यान के निकट वंदना मेडिकल के दो तालों में ‘अमादेर भाषा’ नामक निःशुल्क बांग्ला भाषा शिक्षा केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया गया।

मुख्य अतिथि महिला कल्याण समिति की सचिव एवं तारापद सारंगी डीएवी पब्लिक स्कूल की अध्यक्ष डॉ. विनी सारंगी एवं विशिष्ट अतिथि नेता जी सुभाष शिशु उद्यान के संस्थापक, पूर्व मुखिया एवं प्रतिष्ठित समाज सेवी रवीन्द्रनाथ दास ने संयुक्त रूप से फीता काटकर केंद्र की यात्रा की शुरुआत की।

इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं बांग्ला संस्कृति प्रेमियों की उपस्थिति ने माहौल को उत्सवी बना दिया। वहीं, बांग्ला सीखने के इच्छुक छोटे बच्चों का उत्साह भी देखते ही बन रहा था।

इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. विनी सारंगी ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “किसी भी भाषा का अस्तित्व सिर्फ किताबों पर नहीं टिकता, इसके लिए समाज की जागरुकता और प्रयासों की जरूरत होती है। ‘अमादेर भाषा’ जैसी पहल आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। जब महिलाएं एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ती हैं तो वह काम जरूर सफल होता है। मैं इस केंद्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।”

उन्होंने कहा कि मातृभाषा का संरक्षण न केवल सांस्कृतिक प्रयास है बल्कि अस्मिता की रक्षा भी है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में रवींद्रनाथ दास ने अपने संबोधन में बहरागोड़ा की बांग्ला भाषा और संस्कृति के समृद्ध इतिहास को याद किया. उन्होंने कहा, “बांग्ला भाषा यहां की मिट्टी में गहराई से बसी हुई है। ‘अमादेर भाषा’ जैसी पहल इस सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने में मील का पत्थर साबित होगी। मैं अपनी ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन देता हूं।” उन्होंने महिलाओं के इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए इसे सामाजिक परिवर्तन का उत्प्रेरक बताया.

छात्रा आरुषि राऊत ने मुस्कुराते हुए कहा, “अगर मैं बांग्ला सीखूंगी तो मेरे पास तीन भाषाएं आ जाएंगी!”

“कई बार महिलाएं परिवार में अपनी पहचान खो देती हैं। यह केंद्र हमारी खोई हुई भाषाई पहचान को वापस लौटाने का सपना है।”

इस अवसर पर कार्यक्रम में टाइनी टोज़ पब्लिक स्कूल के संस्थापक बिनय दास, देवरंजन सेनापति, तुषार कांति नायक, सुजल दत्त, अनंत प्रधान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे और इस नवाचार को सफलता के साथ आगे बढ़ाने के लिए शुभकामनाएं दीं।

यह भी पढ़ें: बरवाडीह में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि.

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