बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने अपने जबरदस्त प्रदर्शन से पूरे देश को चौंका दिया है। कुल 243 सीटों वाली इस विधानसभा में बीजेपी ने 89 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी का खिताब बरकरार रखा, जबकि नीतीश कुमार की जेडीयू को 85 सीटें मिलीं। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले राजद-कांग्रेस के महागठबंधन को महज 35 सीटें ही मिल सकीं, जो बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है. कई प्रत्याशियों ने भारी मतों से जीत हासिल की तो कुछ जगहों पर मामूली अंतर से ही जीत-हार का फैसला हुआ, जिससे सत्ता के दावेदारों के इरादे चकनाचूर हो गये.
27 वोटों का चमत्कार-संदेश में थम गईं जेडीयू की सांसें
सबसे रोमांचक मुकाबला संदेश विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला, जहां जेडीयू के रामचरण साह ने कड़ी टक्कर के बाद महज 27 वोटों से जीत का स्वाद चखा. उन्हें 80,598 वोट मिले, जबकि राजद के दीपू सिंह को 80,571 वोट मिले. यहां प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने महज 6040 वोटों से खेल बिगाड़ दिया, जो वोटों के बंटवारे की बड़ी वजह बनी.
वामपंथी किले में 95 वोटों से सनसनी!
लंबे समय तक लेफ्ट का गढ़ रही अगिआंव सीट इस बार बीजेपी के महेश पासवान के खाते में चली गई. पासवान को 69,412 वोट मिले और उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के शिव प्रकाश रंजन को सिर्फ 95 वोटों से हराया, जिन्हें 69,317 वोट मिले थे। इस जीत से पूरे इलाके में हलचल मच गई.
AIMIM को झटका, एलजेपी की संगीता 389 वोटों से जीतीं बलरामपुर
बलरामपुर में, एलजेपी की (रामविलास) संगीता देवी ने 80,459 वोटों से जीत हासिल की, उन्होंने एआईएमआईएम के मोहम्मद आदिल हुसैन को 389 वोटों के अंतर से हराया। इस जीत ने एआईएमआईएम की एक और सीट पाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इसी तरह बख्तियारपुर से एलजेपी के अरुण कुमार ने 88,520 वोट हासिल कर राजद के अनिरुद्ध कुमार को 981 वोटों से हराया, जिन्हें 87,539 वोट मिले थे.
बोधगया में राजद की 881 वोटों से वापसी
बोधगया सीट पर राजद के कुमार सर्वजीत ने 1,00,236 वोटों की मदद से एलजेपी (रामविलास) के श्यामदेव पासवान को 881 वोटों से हराया. पासवान को 99,355 वोट मिले. चनपटिया में कांग्रेस के अभिषेक रंजन को 87,538 वोट मिले, उन्होंने बीजेपी के उमाकांत सिंह को 602 वोटों के अंतर से हराया, जिन्हें 86,936 वोट मिले.
ढाका और फारबिसगंज में राजद-कांग्रेस की यादगार जीत
ढाका क्षेत्र में राजद के फैसल रहमान ने 1,12,727 वोट हासिल कर भाजपा के पवन कुमार जयसवाल को 178 वोटों से हराया, जिन्हें 1,12,549 वोट मिले थे। फारबिसगंज से कांग्रेस के मनोज विश्वास ने बीजेपी के विद्या सागर केशरी को करीबी मुकाबले में 221 वोटों से हराया. कुल वोटों में विश्वास को बढ़त मिली, जबकि केशरी को 1,19,893 वोट मिले.
इन करीबी नतीजों ने न सिर्फ उम्मीदवारों की किस्मत बदल दी, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नई बहस भी शुरू हो गई कि इतने कम वोटों ने कैसे पूरे समीकरण को उलट-पुलट कर दिया. एनडीए की प्रचंड जीत के बीच ये कहानियां साबित करती हैं कि लोकतंत्र में हर वोट की कीमत अमूल्य है।



