राजधानी भोपाल में सोमवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब लिंक रोड नंबर 1 पर चलने वाली बीसीएलएल की लो फ्लोर रेड बस में अचानक धुआं भरने लगा। बस बोर्ड ऑफिस चौराहे से न्यू मार्केट की ओर जा रही थी और सामान्य गति से चल रही थी. तभी यात्रियों ने बस के पीछे से धुआं निकलता देखा और तुरंत शोर मचा दिया। ड्राइवर ने किसी तरह बस को किनारे रोका और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, बस के इंजन वाले हिस्से में धुआं और भी तेज हो गया।
इस घटना में किसी को चोट नहीं आई, लेकिन कुछ देर के लिए पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. टीआर-4 रूट पर चलने वाली यह बस रोजाना हजारों यात्रियों को बैरागढ़ से एम्स भोपाल तक ले जाती है। ऐसे में चलती बस में आग लगने जैसी स्थिति ने एक बार फिर बीसीएलएल बसों की स्थिति और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. घटना के बाद अधिकारियों ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं.
चलती बस से अचानक धुआं उठने लगा
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बीसीएलएल की लो फ्लोर बस जैसे ही बोर्ड ऑफिस चौराहे से आगे बढ़ी, पीछे से धुआं उठने लगा। पहले तो किसी को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जल्द ही केबिन में धुआं भरने लगा। कई यात्री खिड़कियों की ओर भागे तो कुछ तुरंत नीचे उतरने लगे। ड्राइवर ने समझदारी दिखाते हुए बस को सड़क किनारे रोक दिया और ब्रेक लगाते ही कंडक्टर ने यात्रियों को नीचे उतरने के लिए कहा. सही समय पर लिए गए इस फैसले से एक बड़ा हादसा होने से बच गया.
इंजन में तकनीकी खराबी की संभावना
अधिकारियों ने बस को मौके से हटाकर बीसीएलएल वर्कशॉप में भेज दिया है और पूरे इंजन सिस्टम की जांच की जा रही है. बता दें, घटना के वक्त बस में 20-25 यात्री मौजूद थे. सभी को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया.
यह पहली बार नहीं है कि बीसीएलएल बस को दिक्कत का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ महीनों में कई लो फ्लोर बसें सड़क पर खराब हालत में देखी गई हैं। जो आम समस्याएं सामने आती हैं उनमें इंजन का गर्म होना, वायरिंग में शॉर्ट-सर्किट, ब्रेक फेल होने की शिकायत, बसें बीच रास्ते में रुकना, एयर कंडीशनिंग सिस्टम का खराब होना शामिल हैं।
टीआर-4 भोपाल का बेहद व्यस्त और महत्वपूर्ण रूट है। इस रूट पर बैरागढ़, करोंद, लालघाटी, बोर्ड ऑफिस, न्यू मार्केट, रोशनपुरा, एम्स भोपाल आते हैं। कॉलेज के छात्र, कर्मचारी, मरीज, बुजुर्ग सभी हर दिन इसी बस पर निर्भर रहते हैं।



