किशनगंज.लोकतंत्र के महापर्व में अन्य पर्वों की तरह ही नए कपड़ों का महत्व है. चुनावी पर्व का अपना ड्रेस कोड होता है और नेता से लेकर उनके कार्यकर्ता तक लकदक सफेद कुरता-पायजामा में दिखते हैं. विधानसभा चुनाव का माहौल परवान चढ़ते ही इस बार भी यह सिलसिला शुरू हो गया है. नेता जी अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए लिनेन खादी से कम धारण नहीं कर रहे हैं. ऐसे में कपड़ों एवं खादी की दुकानों में रौनक दिखाई देने लगी है.
मसलिन खादी की है अधिक डिमांड
आमतौर पर दुकानों की रैक पर सिमटे रहने वाली खादी के कपड़ों की पूछ कम जरूर रहती है. पर जब भी चुनाव करीब होता है इनकी रौनक देखते ही बनती है. आधुनिक फैशन में खादी के स्टाइलिश ब्रांड की मांग ज्यादा बढ़ गई है. दुकानदारों ने भी चुनाव के इस मौके को भुनाने की भरपूर तैयारी कर ली है. चुनाव के पूर्व ही विभिन्न ब्रांडों के खादी कपड़ों के स्टॉक मंगा लिए गए हैं. इस संबंध में कपड़ा व्यवसायी ने बताया कि यहां चुनाव होने में तो अभी समय है. पर, चुनावी पर्व के आने के पहले ही खादी की पूछ बढ़ गई है और इसे लेकर खादी एवं कपड़ों की दुकानों पर खरीदारों की संख्या बढ़ने लगी है. दुकानदारों का कहना है कि फैशन के नजरिए से रंगीन खादी के कपड़े खूब पसंद किए जा रहे हैं.जबकि,क्वालिटी व आकर्षण के लिहाज से मसलीन और लिनेन ब्रांड के खादी की मांग विशेष रूप से की जा रही है. बाजार में मसलीन खादी जहां दो सौ से एक हजार रुपये मीटर की दर से बिक रही है. वहीं लिनेन ब्रांड के खादी कपड़ों की कीमत छह सौ से दो हजार रुपये मीटर के बीच उपलब्ध है.वस्त्र दुकानदारों का कहना है कि पिछले कई महीने व्यवसाय के लिए बहुत परेशानियों वाला दौर रहा है, ऐसे में चुनाव और पर्व से उनमें थोड़ी आस बंधी हुई है.
खादी के पोशाक खूब भाते हैं नेताओं को
खादी की पोशाक शान और रुतबे को दर्शाती है. चुनावी तैयारियों में जुटे नेताओं ने बंगाल से आने वाली मसलिन खादी के कपड़ों की पोशाक को तरजीह दी है.इसकी शर्ट और पैंट आरामदेह होती है. दो माह पूर्व से ही नेताओं ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि यहां पर आम जनता भी खादी के सामान को खरीदने में काफी जागरूक दिखाई देती है. चुनावी मैदान में उतरने के लगभग छह महीने पहले से नेता अपनी पोशाकों पर काम करना शुरू कर देते हैं. नेताओं में खादी में मसलिन और खादी जैसा दिखने वाले लेनिन कपड़े के प्रति दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है. चूंकि मसलिन और लेनिन से बने झक सफेद कुर्ते, पायजामे व सदरी जनता के बीच पहुंचे नेताओं को एक रॉयल लुक देती है, इसलिए नेता इन्हें पहनना ज्यादा पसंद करते हैं.
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