अयोध्या, लोकजनता: राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार व अन्य देवी प्रतिमाओं के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तर्ज पर ध्वजारोहण के लिए कलश पूजन के साथ धार्मिक माहौल में अनुष्ठान शुरू होगा. मुख्य आचार्य गणेश्वर शास्त्री व उनकी टीम यज्ञशाला को सरयू जल से शुद्ध कर अनुष्ठान शुरू करेगी. इसके यजमान के रूप में राम मंदिर ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र व अन्य मौजूद रहेंगे.
राम मंदिर के मुख्य शिखर और सात अन्य मंदिरों पर ध्वज फहराने के लिए 108 महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद सरयू तट पर कलश में जल भरकर यात्रा निकालेंगी. इससे पहले सरयू तट पर मुख्य आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्वारा कलश पूजा करायी जायेगी. जिसके बाद बड़ी संख्या में देवी मां कलश यात्रा निकालेंगी. जिसमें महिलाएं पारंपरिक धार्मिक गीत गाते हुए पूरे माहौल को अपने आराध्य श्रीराम को समर्पित करते हुए सरयू तट से वीणा चौराहा और फिर राम पथ, श्रृंगार हॉट, दशरथ महल होते हुए रंग महल बैरियर से होते हुए यज्ञ मंडप तक कलश यात्रा पर पहुंचेंगी।
फिलहाल राम मंदिर और अयोध्या की सुरक्षा को देखते हुए इस यात्रा में शामिल होने वाली महिलाओं को कलश लेकर परिसर में प्रवेश के लिए पास जारी किए जाएंगे. जिसके लिए आमंत्रित महिलाओं के आधार कार्ड जमा करा लिए गए हैं। ये सभी महिलाएं कलश यात्रा पूरी कर राम मंदिर जाएंगी. 20 नवंबर को बैंड बाजा और रामरथ के साथ कलश यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें कार्यकर्ताओं की टोली भगवा ध्वज लेकर भाग लेगी। वैदिक आचार्य इंद्रदेव मिश्र ने बताया कि कलश यात्रा का समय दोपहर 2:30 बजे तय किया गया है, गुरुवार को अमृत काल का समय दोपहर 2:14 बजे से शाम 4:02 बजे तक है. इसके अलावा सर्वोच्च सिद्ध योग भी 20 नवंबर को सुबह 10:58 बजे से शुरू होगा और 21 नवंबर को दोपहर 1:55 बजे तक रहेगा, इसलिए यह कलश यात्रा गुरुवार को ही शुरू होगी और अनुष्ठान शुरू होंगे.



