सिमडेगा. झारखंड स्थापना दिवस और रजत जयंती समारोह के चौथे दिन शुक्रवार को जिले में संस्कृति, कला और उत्साह का अनोखा संगम देखने को मिला. मांदर, ढोल और नगाड़ों की थाप पर आधारित पारंपरिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम स्थल को उत्सव जैसा माहौल दे दिया। जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गायन, नाटक, कहानी सुनाना, पेंटिंग व क्विज प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया. समारोह का उद्घाटन उपायुक्त कंचन सिंह, उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, एलआरडीसी अरुणा कुमारी, जिला शिक्षा अधीक्षक दीपक राम, जिला परिवहन पदाधिकारी संजय बाखला एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सूरजमुनि कुमारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम में विशेष रूप से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने उत्कृष्ट भागीदारी दी. पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुत लोक नृत्य और लोक गीतों ने झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत चित्रण किया। नाटक और कहानी-पाठ में प्रतिभागियों ने सामाजिक सरोकारों, सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक झारखंड के बदलते स्वरूप को रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया। पेंटिंग एवं क्विज प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने झारखंड के इतिहास, प्राकृतिक संपदा, आदिवासी परंपराओं एवं जल, जंगल, जमीन एवं खनिजों के विकास से संबंधित विषयों पर अपनी समझ एवं रचनात्मकता का प्रभावी प्रदर्शन किया। दर्शकों ने बच्चों की प्रतिभा, आत्मविश्वास और प्रस्तुति कौशल की सराहना की। झारखंड रजत जयंती के तहत आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव न केवल छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने वाला साबित हुआ, बल्कि नई पीढ़ी को राज्य की लोक संस्कृति और सामाजिक मूल्यों से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी बना। जिले का यह आयोजन राज्य की सांस्कृतिक विरासत एवं असीम संभावनाओं को उजागर करने का महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
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