बिहार चुनाव 2025: मोकामा में फिर चला ‘छोटी सरकार’ का जादू, अनंत सिंह बने मोकामा के ‘दादा’, जेल से तीसरी बार रचा इतिहास
मोकामा:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा सीट पर एक बार फिर वही हुआ जो चुनाव से पहले चर्चा में था-अनंत सिंहकौन लोग छोटी सरकार शानदार जीत हासिल करना लगातार छठी बार मोकामा पर कब्जा किया।।
इस बार वह जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे और उन्होंने राजद उम्मीदवार और बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी से शादी की. वीणा देवी को करीब 29 हजार वोटों का बड़ा अंतर द्वारा पीटा गया।
राउंड 26 की गिनती: अनंत सिंह भारी बढ़त से जीते
26 राउंड की गिनती पूरी होने तक
- अनंत सिंह- 91,416 वोट
- वीणा देवी- 63,210 वोट
- जनसुराज के प्रियदर्शी पीयूष- 19,365 वोट
जबकि उपयोग मोकामा में भी अपना असर दिखा रहा है 4,609 वोट हासिल किया.
अनंत सिंह की यह जीत सिर्फ चुनावी जीत नहीं है, बल्कि उनके राजनीतिक प्रभाव, जनाधार और यहां उनकी पकड़ को फिर से साबित करती है.
तीसरी बार जेल से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड
अनंत सिंह एक बार फिर जेल में रहते हुए चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
- 2015- जेल में रहते हुए निर्दलीय जीते
- 2020- जेल में रहते हुए राजद के टिकट पर जीत हासिल की
- 2025 – जेल में रहते हुए जदयू उम्मीदवार के रूप में ऐतिहासिक जीत
2022 के उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर जीती थी सीट – तब भी अनंत सिंह जेल में थे।
इस बार भी वे दुलारचंद यादव हत्याकांड गिरफ्तारी के चलते वह जेल में हैं.
छोटी सरकार के बढ़ते कद की कहानी- पुराने चुनावों पर एक नजर
मोकामा की राजनीति में अनंत सिंह का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है.
यहां देखें कैसे बढ़ा उनका वोट मार्जिन:
2005 (फरवरी)
- अनंत सिंह (जेडीयू)- 35,783 वोट
- ललन सिंह- 33,914 वोट
- जीत: 1,769 वोट
2005 (नवम्बर)
- अनंत सिंह- 35,877
- ललन सिंह- 33,042
- जीत: 2,835 वोट
2010
- अनंत सिंह- 51,564
- सोनम देवी- 42,610
- जीत: 9,954 वोट
2015 (स्वतंत्र रहते हुए)
- अनंत सिंह- 54,005
- नीरज कुमार- 35,657
- जीत: 18,348 वोट
2020 (राजद)
- अनंत सिंह- 78,721
- राजीव लोचन (जेडीयू)- 42,964
- जीत: 35,757 वोट
2022 सुबुन (नीलम देवी – राजद)
- नीलम देवी- 79,744
- सोनम देवी (बीजेपी)- 63,003
- जीत: 16,741 वोट
और अब 2025 में-करीब 29 हजार वोट एक बार फिर भारी अंतर से जीत हासिल की.
मोकामा में क्यों चल रहा है ‘छोटी सरकार’ का सिक्का?
- जातीय समीकरण में मजबूत पकड़
- क्षेत्र में बहुत मजबूत निजी नेटवर्क
- सामाजिक-स्थानीय मुद्दों पर सीधा हस्तक्षेप
- समर्थकों के बीच भारी लोकप्रियता
- विरोधियों में बड़ा भय और सम्मान
अनंत सिंह का प्रभाव इतना गहरा है कि जेल में होने के बावजूद उनका समर्थन आधार कमजोर नहीं होता बल्कि कई मामलों में तो यह और मजबूत हो जाता है।
मोकामा में एनडीए की बड़ी जीत, अनंत सिंह का कद और बढ़ा
जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल कर अनंत सिंह ने नीतीश कुमार की टीम को भी बड़ी राहत दी है.
मोकामा जैसी कठिन सीट पर एनडीए की जीत गठबंधन के लिए काफी अहम मानी जा रही है.
नतीजों से साफ है कि मोकामा में आज भी ‘छोटी सरकार’ का दबदबा कायम है.
जेल में रहते हुए तीसरी बार जीतना सिर्फ एक जीत नहीं है, बल्कि राजनीतिक प्रभुत्व की कहानी है।
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