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Wednesday, November 19, 2025
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1400 मौतों के लिए 1400 बार फांसी की मांग! बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना पर हत्या का आरोप


Bangladesh Former PM Sheikh Hasina Death Penalty: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की है. मामला पिछले साल हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों से जुड़ा है, जिनमें हिंसा बढ़ने के बाद हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और फिर 5 अगस्त 2024 को भारत चली गईं. माना जा रहा है कि तब से वह नई दिल्ली में ही हैं. बांग्लादेश के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने आरोप लगाया है कि हसीना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध किए. इसके कारण उन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा. उनके साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान पर भी मुकदमा चल रहा है. दोनों ही आरोपी अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में अपनी अनुपस्थिति में पेश हैं.

1,400 मौतों के लिए 1,400 बार सजा?

मुख्य अभियोजक इस्लाम ने कहा कि आदर्श रूप में, हसीना को 1,400 लोगों की मौत के लिए 1,400 बार मौत की सजा मिलनी चाहिए. एफपी के अनुसार, उन्होंने बताया कि हम उसके लिए सबसे कड़ी सजा की मांग करते हैं. एक हत्या के लिए एक ही मौत की सजा का नियम है. 1,400 हत्याओं के लिए, उसे 1,400 बार सजा मिलनी चाहिए. लेकिन चूंकि यह मानवीय रूप से संभव नहीं है, इसलिए कम से कम एक बार मौत की सजा की मांग कर रहे हैं.

प्रॉसिक्यूटर पक्ष का कहना है कि हसीना “सभी अपराधों के केंद्र बिंदु थीं, जिनके इर्द-गिर्द जुलाई-अगस्त के विद्रोह के दौरान हुई घटनाएं घुमती थीं.” इस्लाम ने कहा कि उनका उद्देश्य अपने और अपने परिवार के लिए हमेशा के लिए सत्ता पर काबिज रहना था.

Bangladesh Former PM Sheikh Hasina Death Penalty: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल बांग्लादेश में 46 दिनों तक चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अधिकांश लोग सरकारी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए थे. मामले के तीसरे आरोपी चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून ने सरकारी गवाह बनकर हसीना और खान के कथित अपराधों का पूरा विवरण देने की पेशकश की है. बांग्ला अखबार प्रोथोम अलो के अनुसार, इस्लाम ने कहा कि मामून का इकबालिया बयान सच्चा और व्यापक प्रतीत होता है, और आईसीटी में फैसला सुनाते समय उनके सहयोग पर विचार किया जाएगा.

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