लखनऊ, लोकजनता: राजधानी में बिजली व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. 15 नवंबर से नया वर्टिकल सिस्टम लागू होगा, जिसके तहत अब हर काम की पूरी जिम्मेदारी एक इंजीनियर पर होगी. इस नई व्यवस्था में बाबू से लेकर अधिशाषी अभियंता तक की पोस्टिंग हो चुकी है, लेकिन जिन अधीक्षण अभियंताओं पर इस वर्टिकल सिस्टम की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी, उनकी पोस्टिंग गुरुवार तक नहीं हो सकी. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जो अधीक्षण अभियंता वर्तमान में जिस जोन में कार्यरत हैं, उन्हें उसी जोन में वर्टिकल सिस्टम की जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है।
नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने से लेकर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दो अधीक्षण अभियंताओं पर होगी, एक अधीक्षण अभियंता वाणिज्य और दूसरे अधीक्षण अभियंता तकनीकी. उपभोक्ता सेवाओं से संबंधित सभी कार्य अधिकारियों के अधीन होंगे। इस कार्य में अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी कर्मचारी एवं बाबू वर्ग का सहयोग मिलेगा।
हालांकि प्रबंधन ने सभी इंजीनियरों और कर्मियों की तैनाती पूरी कर ली है, लेकिन अमौसी, लखनऊ सेंट्रल, जानकीपुरम और गोमतीनगर जोन में वर्टिकल सिस्टम के अधीक्षण अभियंताओं की तैनाती अभी बाकी है। इस वजह से 15 नवंबर से लागू होने वाली व्यवस्था को लेकर अधिकारियों में असमंजस की स्थिति है। इसके साथ ही वर्टिकल सिस्टम लागू होने से पहले राजधानी में चीफ इंजीनियरों की नई पोस्टिंग की भी तैयारी है। नई व्यवस्था के बाद अब आम उपभोक्ता चीफ इंजीनियर को वर्टिकल के नाम से भी जानेंगे।
फिलहाल यह चीफ इंजीनियर राजधानी के चार प्रमुख जोन में कार्यरत हैं.
महफूज आलम- अमौसी जोन
रवि कुमार अग्रवाल-लखनऊ सेंट्रल जोन
वीपी सिंह- जानकीपुरम जोन
सुशील गर्ग-गोमतीनगर जोन



