मुरादाबाद, लोकजनता। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से छाती और फेफड़ों में संक्रमण बढ़ रहा है। इससे प्रभावित मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और सूखी खांसी से उनका बुरा हाल है. जिला अस्पताल के साथ ही सीएचसी व पीएचसी पर पिछले एक सप्ताह में दो हजार से अधिक मरीजों को सीरप दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं की मांग भी बढ़ गई है.
जिला अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ. आशीष कुमार सिंह ने बताया कि प्रदूषण में हानिकारक कण श्वसन तंत्र के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। इससे संक्रमण बढ़ रहा है। इस मौसम में सर्दी-खांसी हो रही है. सूखी खांसी मरीजों को ज्यादा परेशान कर रही है। बच्चों को रात में खांसी होने पर भी नींद नहीं आती है।
उन्होंने कहा कि कफ सिरप के साथ दी जाने वाली जरूरी दवाओं की भी मांग बढ़ गयी है. एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत पड़ रही है. इसके लिए फार्मासिस्टों की ओर से लगातार मांग की जा रही है। अस्पतालों की ओपीडी में आने वाला हर तीसरा-चौथा मरीज खांसी-जुकाम की शिकायत कर रहा है।
श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि जिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 मरीज इनहेलर थेरेपी के लिए पहुंच रहे हैं। गंभीर को इलाज के लिए भर्ती कराया जा रहा है. स्थिर मरीजों को इन्हेलर दिए जा रहे हैं। इससे उन्हें भी आराम महसूस हो रहा है.
मरीजों को ये सावधानियां बरतनी चाहिए
-घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें।
-अस्थमा के मरीजों को सुबह की सैर बंद कर देनी चाहिए।
– दवाएँ नियमित रूप से लें।
– फास्ट फूड या बाहर का खाना न खाएं।
-जितना हो सके गुनगुना पानी पिएं।
– कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें, मेडिकल स्टोर से दवा न खरीदें और खुद ही इस्तेमाल करें।



