खरसावां. ओड़िया सामाजिक संस्था पूर्णांग उत्कल उन्नयन बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का रजत जयंती समारोह गुरुवार को खरसावां के काली मंदिर सामुदायिक भवन में आयोजित किया गया. इसकी शुरुआत भगवान जगन्नाथ के चित्र पर माल्यार्पण कर की गयी. कार्यक्रम में उड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के उत्थान पर चर्चा की गयी. संस्थान की अध्यक्ष सीता बल्लव महापात्र ने कहा कि हमारी पहचान भाषा और संस्कृति से है. इसे बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। संस्थान के उपाध्यक्ष आर्य कुमार ज्ञानेंद्र ने कहा कि उड़िया भाषा, लिपि, कला और संस्कृति सभी को एक सूत्र में बांधती है। प्रो नागेश्वर प्रधान ने बच्चों के ओड़िया भाषा में पढ़ने और आपसी बातचीत पर भी जोर दिया. कार्यक्रम में संगठन के सचिव राम नारायण मिश्र, संयुक्त सचिव कैलाश चंद्र रथ, बिरोजा प्रसाद सत्पथी, बसंती त्रिपाठी, शरत चंद्र चंद्र रथ, आरती कर, चक्रधर दास, वंशीधर सेठी, सुनील महापात्र, आशुतोष आचार्य, हरिश्चंद्र आचार्य, सुमंत चंद्र मोहंती, दिलीप प्रधान, सुशील षाड़ंगी, सुभाष बेहरा आदि उपस्थित थे.
उड़िया भाषा और संस्कृति के लिए काम करने वालों को सम्मानित किया गया:
ओड़िया भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वालों को सम्मानित किया गया. इनमें उड़िया कवि ज्योति लाल साहू, नाटककार विजय प्रताप सिंहदेव, सूर्य कुमार पति, अजय प्रधान, सुधांशु शेखर प्रधान, मुकेश प्रधान, परमेश्वर प्रधान, युधिष्ठिर मंडल, सुशांत षाड़ंगी, झलक हाजरा, आशुतोष आचार्य, जीतेंद्र घोड़ाई, लेखक कार्तिक कुमार परीक्षा, सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप प्रधान, शिक्षाविद् प्रो नागेश्वर प्रधान, प्रभाकर मंडल, बिरोजा पति, नव कुमार मंडल समेत उड़िया शिक्षक और स्थानीय पत्रकार शामिल थे. रहना।
उड़िया पुस्तक ‘महाप्रभु श्री जगन्नाथ’ का विमोचन:
इस दौरान अतिथियों ने डॉ. शरतचंद्र रथ द्वारा लिखित उड़िया पुस्तक ‘महाप्रभु श्री जगन्नाथ’ का विमोचन किया. कार्यक्रम में उड़िया कवि ज्योति लाल साहू ने सिंहभूमि उड़िया भाषा में काव्य पाठ कर वाहवाही लूटी. कार्तिक परीक्षा में सिंहभूम में उड़िया भाषा एवं संस्कृति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला गया।
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