रामनगर/बाराबंकी, लोकजनता। गुरुवार को एक निजी अस्पताल में लापरवाही के कारण हुई गर्भवती महिला की मौत से गुस्साए परिजन उग्र हो गए और शव को ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रखकर अस्पताल के सामने प्रदर्शन करने निकल पड़े. खबर पाकर तुरंत प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया. मामले में अस्पताल को सीज करते हुए पीड़ित पक्ष की ओर से रिपोर्ट दर्ज कर एक आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है.
आपको बता दें कि लखनऊ के भीखमपुर कॉलोनी, निशातगंज निवासी वीरेंद्र तिवारी की 25 वर्षीय पत्नी लक्ष्मी तिवारी को मंगलवार को प्रसव पीड़ा के चलते लखनऊ-गोंडा हाईवे पर स्थित ग्राम कटियारा के ग्रीन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में ऑपरेशन से बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद बुधवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया.
आरोप है कि 25 हजार रुपये के पैकेज पर इलाज का आश्वासन देने वाले निजी अस्पताल संचालकों ने मौत के बाद बचाव के लिए पुलिस बुला ली और मृतिका को गंभीर बताकर रेफर कर दिया, जबकि परिजन उसे सीएचसी रामनगर ले गए, जहां डॉक्टरों ने बिना जांच किए उसे जिला अस्पताल भेज दिया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की मौत दो घंटे पहले हो चुकी है.
इससे नाराज होकर परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. रात में ही शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई न होते देख गुरुवार सुबह परिजन शव लेकर अस्पताल के सामने प्रदर्शन करने लगे. मौके पर पहुंचे तहसीलदार विपुल सिंह, सीओ जगत कनौजिया, ब्लॉक प्रमुख संजय तिवारी और थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पांडे ने परिजनों को शांत कराया।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया। पुलिस ने मृतक के परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज कर एक आरोपी को हिरासत में लिया है. सीएचसी अधीक्षक प्रणव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।
जांच पूरी होने तक अस्पताल बंद रहेगा. पुलिस और पीएसी बल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। मौके पर चार थानों की पुलिस, पीएसी बल, कोतवाल मसौली अमित कुमार, चौकी प्रभारी महादेवा अभिनंदन पांडे, वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रमोद यादव, एसआई उमेश कुमार यादव मौजूद रहे।



