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Thursday, November 13, 2025
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38 साल तक लगातार सरकारी सेवा के बाद नियुक्ति को अवैध ठहराया गया, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया.


मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि क्या 38 साल की लगातार सेवा के बाद नियुक्ति को अवैध घोषित करना उचित है? मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते तय की गई है.

मध्य प्रदेश में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो 25 साल से अधिक समय से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें नियमित नहीं किया है. इस विषय पर कई आंदोलन हुए, राज्य सरकार ने कई बार नियमितीकरण की योजना बनाई लेकिन ऐसे कर्मचारियों को उन योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया जो पद के विरुद्ध नियुक्त नहीं किए गए थे, खास बात यह है कि सरकार ने उन्हें नियमितीकरण का लाभ दिया लेकिन अब ऐसे कर्मचारियों को बताया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति अवैध है।

ऐसे ही एक कर्मचारी हैं राकेश कुमार चौरसिया, जो उपसंचालक उद्यानिकी जिला जबलपुर के कार्यालय में कार्यरत हैं। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि पूर्व में हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार को याचिकाकर्ता के नियमितीकरण के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था. आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णय में कहा गया कि 38 वर्ष पूर्व की गयी नियुक्ति अवैध थी क्योंकि यह पद उस समय स्वीकृत पद नहीं था.

38 साल बाद सरकार ने नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया

यहां समझने वाली बात यह है कि 38 साल की सरकारी सेवा के लंबे समय में राकेश कुमार चौरसिया की नियुक्ति को राज्य सरकार ने कभी भी अवैध घोषित नहीं किया है. गौरतलब है कि हाई कोर्ट के आदेश हैं कि ऐसे कर्मचारी जो 10 साल से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं, उनकी नियुक्ति अवैध है या अनियमित, इसके मामलों की जांच के लिए एक स्थायी समिति नियुक्त की जाये और इसके आदेश मुख्य सचिव को दिये गये थे.

लंबी सेवा लेकर उसे स्थाई कर्मचारी का लाभ नहीं देना अनुचित है।

कोर्ट का कहना है कि राज्य सरकार एक आदर्श नियोक्ता है, एक कर्मचारी की सेवा लंबे समय से लगातार ली जा रही है, लेकिन उसे स्थायी कर्मचारी का लाभ नहीं दिया जा रहा है, यह अनुचित है, कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष पारित आदेश पर अब तक कार्रवाई नहीं की है, यह उचित नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि पिछले आदेश का पालन हुआ या नहीं, इसकी जानकारी विशेषज्ञ बताएं.

आज 13 नवंबर को जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की बेंच ने राकेश चौरसिया के मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कोर्ट को यह बताने को कहा कि क्या हाई कोर्ट के 25.03.2025 के पूर्व आदेश में मुख्य सचिव को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, अभी तक कार्रवाई हुई है या नहीं. मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी.

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट

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