लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण मजदूर वर्ग का जीवन खतरे में है, जबकि उनके कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। मायावती ने दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात राज्यों की समीक्षा बैठक में पार्टी संगठन की तैयारियों और आगामी राजनीतिक गतिविधियों के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दिया.
बैठक में बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने, जनसंपर्क को और व्यापक बनाने तथा जनहित के मुद्दों पर पार्टी की सक्रियता तेज करने पर विशेष जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई के कारण लोगों का जीवन स्तर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार जनहित के वास्तविक मुद्दों के बजाय राजनीति में उलझी हुई है, जिसके कारण आम लोगों की समस्याएं अनसुलझी हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह अन्य राज्यों की स्थिति भी चिंताजनक है और इससे जनता में गहरा असंतोष है. उन्होंने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि अपराध, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही से जनता बेहद परेशान है. उन्होंने सरकारों को इन राज्यों में सामाजिक और जातीय तनाव और घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने की सलाह दी.
बसपा अध्यक्ष ने पार्टी पदाधिकारियों से जन आंदोलन को और मजबूत करने तथा बहुजन समाज को राजनीतिक रूप से जागरूक करने के लिए प्रभावी अभियान चलाने को कहा. उन्होंने पार्टी के ‘जनहित सर्वोपरि’ सिद्धांत को लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि बसपा ही एकमात्र विकल्प है जो जनता को सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर प्रदान करने में सक्षम है.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 6 दिसंबर को परमपूज्य बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण (महापरिनिर्वाण) दिवस दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा।
यह आयोजन पार्टी के मिशनरी स्वरूप के अनुरूप होगा, जिसमें सामाजिक समर्पण मुख्य फोकस होगा न कि किसी प्रकार का राजनीतिक दिखावा. इस दौरान पार्टी ने सभी राज्यों के कार्यकर्ताओं से अपने-अपने क्षेत्रों में ‘बहुजन समाज’ को मजबूत करने और शोषित वर्ग को राजनीतिक ताकत देने के प्रयास तेज करने की अपील की.



