नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने गुरुवार को कहा कि अक्टूबर में समाप्त हुए विपणन वर्ष 2024-25 में भारत का वनस्पति तेल आयात 16.3 मिलियन टन पर अपरिवर्तित रहा, जो पिछले वर्ष के स्तर के बराबर है।
उद्योग निकाय ने कहा कि अक्टूबर में आयात में 1.33 मिलियन टन खाद्य तेल और 4,625 टन अखाद्य तेल शामिल हैं, जो एक साल पहले के 1.46 मिलियन टन से 9 प्रतिशत कम है।
एसईए ने कहा कि सोयाबीन तेल का आयात 2024-25 में रिकॉर्ड 5.47 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2015-16 में निर्धारित 4.23 मिलियन टन के पिछले उच्च स्तर को पार कर गया।
पाम तेल का आयात एक साल पहले के 9.02 मिलियन टन से तेजी से गिरकर 7.58 मिलियन टन हो गया, जबकि सोयाबीन तेल की अधिक खरीद के कारण नरम तेल का आयात 6.95 मिलियन टन से बढ़कर 8.43 मिलियन टन हो गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि कुल आयात में पाम ऑयल की हिस्सेदारी 56 फीसदी से घटकर 47 फीसदी हो गई, जबकि सॉफ्ट ऑयल की हिस्सेदारी 44 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गई।
सरकार ने मई में कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच आयात शुल्क अंतर को 8.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 19.25 प्रतिशत कर दिया, जिससे रिफाइंड पाम तेल का आयात रुक गया। हालाँकि, भारत ने शून्य-शुल्क व्यापार समझौते के तहत नेपाल से 750,000 टन परिष्कृत सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात किया।
इंडोनेशिया ने वर्ष के दौरान भारत को 2.75 मिलियन टन कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और 832,152 टन रिफाइंड पाम तेल की आपूर्ति की, जबकि मलेशिया ने भारत को 2.62 मिलियन टन सीपीओ का निर्यात किया।
सोयाबीन तेल के लिए, अर्जेंटीना 2.89 मिलियन टन के साथ शीर्ष आपूर्तिकर्ता था, उसके बाद ब्राजील 1.14 मिलियन टन के साथ था। रूस 1.47 मिलियन टन के साथ भारत को सूरजमुखी तेल निर्यात में सबसे आगे है।
एसईए ने कहा कि 1 नवंबर तक कुल वनस्पति तेल का स्टॉक 1.73 मिलियन टन था, जो एक महीने पहले 1.99 मिलियन टन से कम है।
तेल विपणन वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है।



