न्यूज11भारत
रांची/डेस्क: झारखंड में अवैध नशीली दवाओं के बढ़ते कारोबार को लेकर मामला अब झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है. सरकारी वकील सुनील कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर नशे के कारोबार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि धनबाद जिले के बरवाड़ा थाना क्षेत्र के एक गोदाम से 26,000 बोतल फेंसिडिल कफ सिरप जब्त किया गया था. इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच पुलिस और बाद में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने संभाली, लेकिन लापरवाही के कारण जांच पर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया गया कि यह कफ सिरप रांची के तुपुदाना स्थित सेली ट्रेडर्स द्वारा सप्लाई किया गया था, जिसके मालिक भोला प्रसाद हैं. यह फर्म हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की एबॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की अधिकृत स्टॉकिस्ट है।
12 मार्च 2024 को 8 औषधि निरीक्षकों की टीम ने सेली ट्रेडर्स के गोदाम का निरीक्षण किया। निरीक्षण शुभम जयसवाल (भोला प्रसाद के पुत्र) की उपस्थिति में हुआ। जांच में पता चला कि जब्त कफ सिरप (बैच नंबर PHD23159 और PHD23160) को कुल 43 रसीदों के जरिए 4 और 5 जनवरी 2024 को बेचा गया था. यह मामला शुरू में बरवाड़ा थाने में दर्ज किया गया था, लेकिन जून 2024 में इसे CID को सौंप दिया गया. याचिकाकर्ता का आरोप है कि इतने लंबे समय के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और सभी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर अपराध में पुलिस और सीआईडी की यह लापरवाही सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है और नागरिकों के स्वस्थ जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।
हाल ही में जब्त की गई कफ सिरप की बड़ी खेप:
नवंबर 2025: रांची पुलिस ने मांडर इलाके से 13,400 बोतलें (कीमत 30 लाख रुपये) जब्त कीं.
अगस्त 2025: पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने मिनी ट्रक से 3600 बोतलें बरामद कीं.
दिसंबर 2024: जमशेदपुर पुलिस ने मेडिकल स्टोर और अन्य जगहों से 25 लाख रुपये का सिरप जब्त किया है.
याचिका में मांग की गई है कि राज्य में अवैध नशीली दवाओं के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और लंबित जांचों को जल्द पूरा किया जाए।
यह भी पढ़ें: रांची: कांके रोड स्थित कृषि भवन के पास ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी.



