भोपाल: MP News मध्य प्रदेश में 4 नवंबर से शुरू हुए एसआईआर यानी विशेष गहन समीक्षा अभियान को लेकर प्रदेश में सियासी गरमाहट बढ़ गई है. एसआईआर की पिच पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कमर कस रही हैं। एसआईआर के मद्देनजर बुधवार को भोपाल में कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, सह प्रभारी संजय दत्त, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी समेत कई दिग्गजों की मौजूदगी में कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनाई. चुनाव आयोग और बीजेपी पर आरोपों की झड़ी लगा दी. कांग्रेस ने दावा किया कि एसआईआर के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है. 1 लाख नाम काटने की तैयारी है.
MP News SIR को लेकर जहां कांग्रेस ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं बीजेपी ने भी आक्रामक पलटवार करते हुए इसे बिहार चुनाव में मिली हार से घबराहट बताया. संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने के लिए भी कार्रवाई की गई।
कुल मिलाकर जहां चुनाव आयोग मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए एसआईआर अभियान को मिशन मोड में पूरा करने में जुटा है, वहीं एसआईआर को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. लेकिन सवाल ये है कि कांग्रेस को SIR पर भरोसा क्यों नहीं है? क्या सच में कांग्रेस को SIR से कोई नुकसान होता है? सवाल यह भी है कि लगातार संवैधानिक संस्थाओं को कठघरे में खड़ा करने से क्या हासिल होगा? क्या पारदर्शी मतदाता सूची से चुनाव की विश्वसनीयता नहीं बढ़ेगी?



