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Wednesday, November 12, 2025
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मर जाती तो दो बच्चों के साथ अनाथ हो जाती, अब सुखी जीवन जी सकूंगी : मानेश्वरी


  • उग्रवादियों व गरीब लोगों के दबाव से बना नक्सली गठन : ब्रजेश

@रंजीत पांडे

लातेहार: अन्य दिनों की तरह आज लातेहार एसपी कार्यालय का नजारा अलग था. आज कुछ खास था. एक पत्नी और उसके बच्चों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी नजर आ रही थी.

यह खुशी पांच लाख के इनामी उग्रवादी व जेजेएसएमपी के सबजोनल कमांडर ब्रजेश कुमार यादव की पत्नी के चेहरे पर साफ झलक रही थी. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। उनके चेहरे की चमक देखकर आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि वह इस बात से कितनी खुश हैं कि उनके पति जंगल का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.

सरेंडर के बाद ब्रजेश की पत्नी मनेश्वरी देवी ने पत्रकारों से कहा कि एक महिला के लिए उसका पति और बच्चा ही पूरी दुनिया होती है. मैं अपने पति की मृत्यु के समाचार से सदैव चिंतित रहती थी। और मेरी पूरी दुनिया तबाह हो जाती
उनके जंगल में रहने के कारण मैं अपने बच्चों की ठीक से देखभाल नहीं कर पा रहा था, न तो उन्हें अच्छी शिक्षा दे पा रहा था और न ही समाज के सामने सिर उठाकर चल पा रहा था।

वह लगातार उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कह रही थीं. आज उसने लातेहार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अब मैं अपने पति और बच्चों के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सकूंगी और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दिला सकूंगी। आज मुझे बहुत खुशी हो रही है, जिसे मैं बता नहीं सकता.

गरीबी और उग्रवादियों के दबाव के कारण बना उग्रवादी:ब्रजेश यादव

सरेंडर के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जेजेएमपी सबजोनल कमांडर ब्रजेश यादव ने कहा कि मैं एक गांव में रहता था और उग्रवादी हमेशा मेरे गांव आते थे और मुझ पर संगठन में शामिल होने का दबाव बनाते थे.

साथ ही मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी, जिसके कारण हम रवींद्र जी के साथ जेजेएमपी संगठन से जुड़ गये. जब उससे पुलिस के सामने सरेंडर करने के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि जंगल में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. न खाना आता था, न सोना।

लेकिन अब मैं एक खुशहाल जिंदगी जी सकूंगा।’ मैं अपने बच्चों और परिवार के साथ रह सकूंगा. ब्रजेश ने अपने साथियों से अपील करते हुए कहा कि जंगल में कुछ भी नहीं रखा है, आप भी मुख्यधारा से जुड़ें और शांतिपूर्ण जीवन जियें.

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