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Wednesday, November 12, 2025
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स्वास्थ्य मंत्रालय: भारत अब वैश्विक नर्सिंग कार्यबल में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है


स्वास्थ्य मंत्रालय: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और जेएचपीजीओ के सहयोग से नर्सिंग शिक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय परामर्श और अनुभव-साझाकरण कार्यशाला’ का आयोजन किया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य नीतिगत संवाद को मजबूत करना और नर्सिंग और मिडवाइफरी क्षेत्र में सुधारों में तेजी लाना है। कार्यशाला में देश भर से नीति निर्माताओं, वरिष्ठ अधिकारियों, नर्सिंग शिक्षाविदों, नियामक संस्थानों, पेशेवर संगठनों और विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया। इसमें नर्सिंग प्रशासन, शिक्षा और कार्यबल प्रबंधन को मजबूत करने के लिए नवीन मॉडल और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की गई।

इस परामर्श का उद्देश्य चल रही पहलों की समीक्षा करना, उभरती चुनौतियों की पहचान करना और भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की प्राथमिकताओं और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप नर्सिंग प्रशासन, शिक्षा और कार्यबल प्रबंधन को मजबूत करने के लिए नवीन मॉडल साझा करना था।

कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों ने नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता, कार्यबल वितरण, नेतृत्व विकास और कैरियर उन्नति जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम तकनीकी सत्रों, पैनल चर्चाओं और राज्य-स्तरीय प्रस्तुतियों के माध्यम से “डिजिटल शिक्षा और नर्सिंग नवाचारों” का भी प्रदर्शन कर रहा है।

नर्सें और दाइयां भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ हैं।

इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती. पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि नर्सें और दाइयां भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की नींव और सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर और आशा कार्यकर्ताओं की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के दौरान प्रत्येक राज्य से उभरने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को राष्ट्रीय नीति निर्माण के लिए मार्गदर्शक सुझाव के रूप में कार्य करना चाहिए और अन्य राज्यों को देश भर में नर्सिंग क्षेत्र में व्यापक अनुकरण और सुधार के लिए इन मॉडलों पर ध्यान देना चाहिए।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा, “भारत की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का श्रेय इसके नर्सिंग कार्यबल की प्रतिबद्धता को दिया जा सकता है।” उन्होंने नर्सिंग शिक्षा, सेवाकालीन प्रशिक्षण और कौशल विकास में गुणवत्ता सुधार पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया।

भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. पेडेन ने कहा कि भारत अब वैश्विक नर्सिंग कार्यबल में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में 2030 तक नर्सों की कमी को कम करने का श्रेय काफी हद तक भारत की नीतिगत पहलों को जाएगा। गौरतलब है कि इस परामर्श का उद्देश्य देश में एक मजबूत, प्रशिक्षित और सशक्त नर्सिंग कार्यबल तैयार करना है, जो भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को एक मजबूत दिशा दे सके।



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