किशोर कुमार जयसवाल/गुमला
गुमला/डेस्क: चैनपुर प्रखंड में रौतिया समाज के लोगों की जमीन पर भू-माफिया लंबे समय से कब्जा कर रहे हैं. गलत दस्तावेज बनाकर समाज के लोगों की कई एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। ताजा मामला चैनपुर के छतपुर निवासी लोचनथ रौतिया, राम प्रसाद रौतिया, राजेश भगत रौतिया और देवचरण रौतिया का है. जिसकी 8 एकड़ जमीन पर माफिया ने गलत दस्तावेज बनाकर रजिस्ट्री करा ली. इसे लेकर चारों भाइयों ने मंगलवार को जिला निबंधन पदाधिकारी रामजी तिग्गा से शिकायत कर रजिस्ट्री रद्द करने की मांग की. इसके साथ ही चैनपुर के ग्रामीणों ने चारों भाइयों के साथ जिला निबंधन कार्यालय पहुंच कर विरोध दर्ज कराया.
विभाग के कर्मी जमीन निबंधन के समय लोचननाथ महतो के उपस्थित होने की बात कह रहे हैं, जबकि लोचननाथ महतो का कहना है कि वह सोमवार को निबंधन कार्यालय नहीं आये थे, लेकिन उनकी जमीन का निबंधन कर लिया गया. पीड़ित भाइयों का आरोप है कि जिला निबंधन कार्यालय में पैसे लेकर किसी की जमीन दूसरे के नाम पर रजिस्ट्री की जा रही है. लोचनथ रौतिया ने बताया कि चैनपुर के रंजीत कुमार, रितेश गुप्ता, संध्या देवी और मुकेश सिंह उसे लाने की बात कर रहे थे, लेकिन वह सोमवार को नहीं आया.
रंजीत कुमार कह रहा था कि उसकी जमीन उसकी पत्नी के नाम कर दी जायेगी और बदले में उसे बीस डिसमिल जमीन चाहिये. जिसे लेकर लोचननाथ एक दिन निबंधन कार्यालय आये. अब जब लोचनथ रौतिया का कहना है कि वह निबंधन कार्यालय आये ही नहीं, तो किसी व्यक्ति का ऑनलाइन फोटो व उंगली लेकर जमीन बिक्री के लिए केवाईसी करा लिया गया. यह जांच का विषय है. क्योंकि चार डीडी बनाकर 8 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई है. इधर, जमीन मालिकों के हंगामे के बाद जिला निबंधन पदाधिकारी ने तुरंत अपने कर्मचारियों के साथ बैठक कर उनसे जानकारी ली और मामले की जांच करने को कहा. वही न्यूज 11 के पत्रकार से जब बाइट देने को कहा गया तो उन्होंने बाइट देने से साफ इंकार कर दिया.
बहरहाल, मामला रौतिया समुदाय की जमीन पर कब्जे का है जो चैनपुर इलाके में लंबे समय से चला आ रहा है. जिसमें निबंधन कार्यालय के कर्मियों व निबंधन कार्यालय में लगे दलालों की भूमिका भी संदिग्ध रही है. मामले की जांच हो तो कई लोगों को न्याय मिलेगा.
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