प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कथित धोखाधड़ी के एक मामले में हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब और उनके बेटे अनोश हबीब को राहत देते हुए पुलिस को जांच पूरी होने तक उन्हें परेशान न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने वर्ष 2014 में अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार गिरफ्तारी की प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.
अर्नेश कुमार मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सात साल तक की सजा वाले अपराधों के लिए गिरफ्तारी करने से पहले, पुलिस को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत निर्धारित मानकों का पालन करना आवश्यक है और किसी भी गिरफ्तारी के लिए मजिस्ट्रेट को एक लिखित चेकलिस्ट प्रदान करनी होगी।
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अचल सचदेव की पीठ ने कहा, “हमने एफआईआर का अध्ययन किया है जो प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का मामला दिखाता है। इसलिए, तेलंगाना राज्य बनाम हबीब अब्दुल्ला जिलानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित नियम के तहत एफआईआर को रद्द करने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता है।”
कोर्ट ने इस याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उम्मीद है कि जांच पूरी होने तक पुलिस इन याचिकाकर्ताओं को किसी भी तरह से परेशान नहीं करेगी. कोर्ट ने कहा कि हालांकि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेंगे. गौरतलब है कि जावेद हबीब और उनके बेटे के खिलाफ संभल जिले के रायसत्ती थाने में 3 अक्टूबर 2025 को करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया गया था.



