मथुरा विकास परियोजना: उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ‘विज़न-2030’ के तहत अगले 6 वर्षों में मथुरा, वृन्दावन और ब्रज के अन्य धार्मिक स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं और आसान परिवहन से जोड़ने की तैयारी की गई है। योजना के तहत अगले छह वर्षों में 95 फीसदी प्राथमिक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए बाईपास नेटवर्क तैयार
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश-विदेश से ब्रज क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान के सुगम दर्शन कराना है। इसके तहत मथुरा, गोवर्धन, बरसाना और गोकुल जैसे सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को बाईपास मार्गों से जोड़ा जाएगा। इन सड़कों से श्रद्धालु किसी भी स्थान से निकलकर अन्य सभी धार्मिक स्थलों तक आसानी से जा सकेंगे।
700 करोड़ रुपये की लागत से न्यू गोवर्धन फोरलेन बाईपास बनाया जाएगा।
आगरा की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 47 किमी लंबा चार लेन का नया गोवर्धन बाईपास बनाया जाएगा। यह मार्ग हिंदुस्तान कॉलेज से शुरू होकर गोवर्धन तक जाएगा। इस परियोजना पर 700 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसका निर्माण लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) करेगा। इसके साथ ही गोवर्धन से बरसाना तक 25 किमी लंबे फोरलेन बाईपास का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिस पर 170 करोड़ रुपये और भूमि खरीद पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
नया हाई स्पीड बाईपास वृन्दावन को एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 1682 करोड़ रुपये की लागत से वृन्दावन के लिए 15 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे लिंक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। यह मार्ग NH-44 को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा. इसमें 3 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ब्रिज, तीन फ्लाईओवर और दो ट्रम्पिंग इंटरचेंज होंगे। इस मार्ग पर वाहनों की गति 100 किमी प्रति घंटा तक सीमित रहेगी.
अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी
ब्रज क्षेत्र की अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 280 करोड़ रुपये की लागत से भरतपुर-मथुरा मार्ग को चार लेन का बनाया जाएगा। साथ ही राज्य सेतु निगम छटीकरा-राधाकुंड मार्ग पर 100 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन का ओवरब्रिज बनाएगा। योगी सरकार का यह विजन-2030 ब्रज क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और धार्मिक यात्रा के विश्वस्तरीय केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।



