पटना. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शकील अहमद ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अहमद ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा अपना इस्तीफा मीडिया में जारी करते हुए कहा कि उनके लिए पार्टी में बने रहना संभव नहीं है, इसलिए वह भारी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया था, लेकिन मतदान के दौरान पार्टी को कोई नुकसान न हो इसलिए उन्होंने इस्तीफा रोक कर रखा और आज चुनाव खत्म होने के बाद इसे सार्वजनिक किया. उन्होंने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले सके, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी.
कांग्रेस के एक पूर्व सांसद ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं और सत्ता में बैठे लोगों के साथ उनके कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा में दृढ़ विश्वास है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सदस्यता से अलग होने का मतलब यह नहीं है कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो जायेंगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है और वह भविष्य में भी पार्टी के प्रबल समर्थक और शुभचिंतक बने रहेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 16 अप्रैल, 2023 को लिखे अपने पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह भविष्य में चुनावी राजनीति में नहीं उतरेंगे.
उन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि उनके दादा स्वर्गीय अहमद गफूर 1937 में कांग्रेस विधायक चुने गए थे और उनकी मृत्यु के बाद उनके पिता शकूर अहमद 1952 से 1977 के बीच पांच बार कांग्रेस विधायक चुने गए. उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 में अपने पिता की मृत्यु के बाद वह सक्रिय राजनीति में आए और 1985 से पांच बार कांग्रेस विधायक और सांसद चुने गए.



