मंत्री ने आगे कहा, आरएसएस आरएसएस की संपत्ति है, लोग दान देते हैं, ऐसा कहा जाता है. तो हिसाब तो होना ही चाहिए कि किसने कितना दान दिया. अगर संस्था पंजीकृत नहीं है तो इतनी बड़ी मात्रा में चंदा कैसे आता है? पारदर्शिता जरूरी है. जब हम सवाल पूछते हैं तो हमें गद्दार कहा जाता है.



