पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार को रिकॉर्ड 67.14 फीसदी मतदान हुआ. यह अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है. इस चुनाव को राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है.
राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, दूसरे चरण में 122 विधानसभा क्षेत्रों में शाम 5 बजे तक 67.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो कि 6 नवंबर को पहले चरण में दर्ज किए गए “रिकॉर्ड” 65.09 प्रतिशत मतदान से लगभग दो प्रतिशत अधिक है। अधिकारियों ने कहा कि शाम तक कई मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं, इसलिए अंतिम मतदान प्रतिशत में और वृद्धि होने की संभावना है।
इस चरण में सबसे ज्यादा वोटिंग वाले जिलों में राज्य का मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज शीर्ष पर है, जहां 76.26 फीसदी वोट पड़े. इसके बाद कटिहार (75.23 प्रतिशत), पूर्णिया (73.79 प्रतिशत), सुपौल (70.69 प्रतिशत) और अररिया (67.79 प्रतिशत) का स्थान रहा। ये सभी जिले नेपाल की सीमा से लगे कोसी-सीमांचल क्षेत्र में आते हैं, जो बाढ़ प्रभावित और अल्पसंख्यक बहुल इलाका है. दक्षिण बिहार के जिलों में भी वोटिंग प्रतिशत अधिक रहा.
जमुई में 67.81 फीसदी, गया में 67.50 फीसदी और कैमूर में 67.22 फीसदी वोटिंग हुई. सबसे कम मतदान नवादा जिले में हुआ, जहां शाम पांच बजे तक 57.31 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले. हालांकि मुख्यमंत्री कुमार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उनके कार्यकाल के दौरान “सुशासन” की मदद से विपक्षी लहर को रोकने की कोशिश कर रहा है।
इस चरण में नीतीश कैबिनेट के आठ मंत्री मैदान में हैं. इसलिए यह चरण सत्तारूढ़ एनडीए के साथ-साथ विपक्षी ‘भारत’ गठबंधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सरकार विरोधी माहौल पर भरोसा कर रहा है, जबकि एनडीए विपक्ष पर “घुसपैठियों को बचाने” का आरोप लगाता रहा है।
यह चरण कांग्रेस के लिए भी ख़ासा अहम माना जा रहा है. पार्टी बिहार में ‘भारत’ गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है और उसने 2020 के चुनावों में 19 सीटें जीती थीं, जिनमें से 12 पर इस चरण में मतदान हुआ था। इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम (कुटुम्बा) और शकील अहमद खान (कदवा) की सीटें भी शामिल हैं.
पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 65.09 फीसदी ने मतदान किया था. सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों ही इस भारी मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं. इस चुनाव के ‘एक्स फैक्टर’ माने जा रहे जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर का कहना है कि वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि ‘बिहार की जनता को अब एक विकल्प मिल गया है’ और वह अपनी नई पार्टी को उस विकल्प के तौर पर देख रहे हैं.
दूसरे चरण में कई मंत्रियों समेत 1,302 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. वोटिंग सुबह सात बजे शुरू हुई और शाम पांच बजे तक चली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री कुमार ने मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में मतदान कर नया रिकॉर्ड बनाने की अपील की थी.
प्रधानमंत्री ने सुबह ‘एक्स’ पर लिखा, ”बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए आज मतदान हो रहा है. मैं सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और मतदान का नया रिकॉर्ड बनाएं. मैं विशेष रूप से अपने युवा साथियों से कहना चाहता हूं कि वे खुद भी मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें.”
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि मतदान ”केवल अधिकार ही नहीं बल्कि जिम्मेदारी भी है.” उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ”मैं सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे दूसरे चरण के मतदान में उत्साहपूर्वक भाग लें और अपने मताधिकार का प्रयोग करें.” जिन जिलों में वोटिंग हुई उनमें पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ”वोट का बटन दबाकर लोग ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चल रही ‘डबल इंजन’ सरकार को आशीर्वाद दे रहे हैं.’



