फ़रीदाबाद. फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर के एक डॉक्टर द्वारा किराए पर लिए गए दो कमरों से भारी मात्रा में विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद होने के एक दिन बाद मंगलवार को जिले के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया। दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके के तार फरीदाबाद के संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल से भी जुड़े होने की बात सामने आई है. धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई है.
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि एक टीम अल फलाह विश्वविद्यालय में डेरा डाले हुए है, जहां कश्मीरी डॉक्टर पिछले साढ़े तीन साल से रह रहे थे. इसके अलावा यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों और डॉक्टरों से भी पूछताछ की जा रही है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कई पुलिसकर्मी धौज थाना क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं. जांच में पता चला है कि यहां हिरासत में लिए गए एक मौलवी ने बताया कि उसने अपना कमरा एक ऑटो रिक्शा चालक को किराए पर दिया था, जिसने बाद में डॉ. मुजम्मिल को अपना “सामान” रखने के लिए कमरा दे दिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े “सफेदपोश” आतंकवादी मॉड्यूल में शामिल होने के आरोप में मुजम्मिल और दो अन्य डॉक्टरों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल निवासी और अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल गनी (35) के फरीदाबाद स्थित दो किराए के कमरों से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। वह दिल्ली से लगभग 45 किलोमीटर दूर धौज में अल फलाह विश्वविद्यालय में डॉक्टर के रूप में कार्यरत थे। सोमवार को दिल्ली में हुए धमाके से पहले फतेहपुर तगा गांव की दहर कॉलोनी से 2,563 किलो विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किया गया था. इससे पहले दिल्ली से सटे फरीदाबाद में एक कश्मीरी डॉक्टर के किराए के कमरे से 360 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट जैसा पदार्थ और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे.
एक बयान में कहा गया कि फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत 2,900 किलोग्राम ज्वलनशील और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई. पुलिस ने कहा कि मुजम्मिल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वांछित व्यक्ति के रूप में नामित किया था और वह श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के मामले में शामिल था।



