जबलपुर: मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा दायर मानहानि मामले में तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी को फिलहाल राहत नहीं मिली है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भोपाल की एक अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली. न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम राहत के मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
यह मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से जुड़ा है, जिन पर बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद नवंबर 2020 का है, जब अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया था। आरोप है कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और तत्कालीन विधायक आकाश विजयवर्गीय को ‘गुंडा’ कहकर संबोधित किया. इस टिप्पणी के आधार पर आकाश विजयवर्गीय ने 2021 में भोपाल की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर वारंट जारी
मामला दर्ज होने के बाद से इसकी सुनवाई भोपाल की विशेष अदालत में चल रही है. आकाश विजयवर्गीय के वकील का कहना है कि अभिषेक बनर्जी सुनवाई के लिए एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए. समन की लगातार अनदेखी पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. एमपी-एमएलए कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ 11 अगस्त 2025 और 26 अगस्त 2025 के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
इस गिरफ्तारी वारंट को रद्द कराने के लिए अभिषेक बनर्जी ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सोमवार को हुई सुनवाई में उनके वकील ने वारंट पर रोक लगाने की मांग की, जिसका आकाश विजयवर्गीय के वकील ने विरोध किया. अब सबकी निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर हैं, जिससे तय होगा कि अभिषेक बनर्जी को अंतरिम राहत मिलती है या फिर उन्हें निचली अदालत की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा.
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट



