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Tuesday, November 11, 2025
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बोकारो समाचार: कथारा क्षेत्र में कोयला उत्पादन में वृद्धि


राकेश वर्मा, बेरमो सीसीएल कथारा क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में कोयला उत्पादन के मामले में अभी भी 37 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि पर है और पूरे सीसीएल में पहले स्थान पर है। कथारा ओसी की ग्रोथ 129 फीसदी और जारंगडीह परियोजना की ग्रोथ 42 फीसदी है. स्वांग-गोविंदपुर परियोजना में जलजमाव के कारण 17 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि हुई है। पूरे सीसीएल में कथारा के बाद दूसरे स्थान पर कुजू क्षेत्र की वृद्धि 26 प्रतिशत, तीसरे स्थान पर एनके क्षेत्र की वृद्धि 15 प्रतिशत, चौथे स्थान पर बीएंडके क्षेत्र की वृद्धि 11 प्रतिशत और पांचवें स्थान पर बरका-सयाल क्षेत्र की वृद्धि नौ प्रतिशत है.

चालू वित्तीय वर्ष के एक अप्रैल से नौ नवंबर तक कथारा क्षेत्र ने 14 लाख 76 हजार 400 टन कोयला उत्पादन किया है. जबकि चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 44 लाख टन है. इस बार भारी बारिश के कारण क्षेत्र में तीन से चार लाख टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है. पिछले साल इस क्षेत्र में 28.15 लाख टन का उत्पादन हुआ था. इस बार प्रबंधन 40 लाख टन उत्पादन की योजना पर काम कर रहा है. इसके बाद यह क्षेत्र नो प्रॉफिट, नो लॉस की कगार पर आ जाएगा। फिलहाल कथारा क्षेत्र में दो आउटसोर्स कंपनियों के फेल होने के बाद सीसीएल मुख्यालय से दोबारा नया टेंडर निकाला गया है. स्वांग-गोविंदपुर परियोजना में ओबी डिस्पोजल के टेंडर की तकनीकी जांच डेढ़ साल से चल रही है. कथारा कोलियरी के लिए कोयला व ओबी का टेंडर निकाला गया है. 13 नवंबर को टेंडर खुलेगा.

स्वांग-पिपराडीह परियोजना से सालाना 20 लाख टन उत्पादन होगा

कथारा क्षेत्र में प्रति वर्ष 20 लाख टन की स्वांग-पिपराडीह परियोजना भी जल्द आयेगी. इसे दो चरणों में शुरू किया जाएगा. पहले चरण में 21 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जाएगा और 77 लाख क्यूबिक मीटर टन ओबी का निस्तारण किया जाएगा. दूसरे चरण में 15 मिलियन टन कोयले का उत्पादन और 46 लाख क्यूबिक मीटर टन ओबी का निस्तारण किया जायेगा. इस कोलियरी में वाशरी ग्रेड 3.4.5 कोयला है। इसे धोकर कोकिंग कोयला भी बनाया जाएगा और थर्मल और स्टील प्लांटों को आपूर्ति की जाएगी।

दो नई कोल वाशरियां बनाई जाएंगी

ग्लोबल कोल माइंस नामक निजी कंपनी कथारा में पुरानी वाशरी के पास करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से नयी वाशरी बनायेगी. इसकी क्षमता तीन मिलियन टन सालाना होगी. कथारा क्षेत्र की स्वांग वाशरी भी 50 वर्ष पुरानी है. इसकी उत्पादन क्षमता .75 मिलियन टन थी, जो अब घटकर .2 मिलियन टन रह गई है। स्वांग में भी इस वाशरी के स्थान पर 15 लाख टन धुले कोयले की वार्षिक क्षमता वाली वाशरी बनायी जायेगी।

जारंगडीह खदानों का विस्तार होगा

जारंगडीह परियोजना के विस्तार के कारण ढोरी माता तीर्थ को 16 नंबर स्थित फुटबॉल मैदान के बगल में स्थानांतरित किया जाना है. नए मंदिर के निर्माण पर सीसीएल 26 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. जीएम संजय कुमार ने कहा कि कथारा क्षेत्र चालू वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन के मामले में रिकार्ड बनायेगा. स्वांग-पिपराडीह नई परियोजना जल्द शुरू होगी.

अस्वीकरण: यह लोकजनता अखबार का स्वचालित समाचार फ़ीड है. इसे लोकजनता.कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



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