रोहन निषाद/न्यूज़ 11 भारत
चाईबासा/डेस्क: मझगांव विधानसभा: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन मानसून विशेष सत्र में मझगांव विधानसभा विधायक निरल पूर्ति द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान सदन में मांग रखी गयी कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों में कुल लक्ष्य 10.044 आबू आवासों का उपावंटन किया जाये. लेकिन भौगोलिक परिस्थिति, सुदूर वन एवं दुर्गम क्षेत्र के कारण लाभुक छत की ढलाई के स्थान पर जीआई सीट/एस्बेस्टस सीट का उपयोग करना चाहते हैं। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मंजूरी भी दे दी गयी है. इसे पश्चिमी सिंहभूम जिले के दुर्गम इलाकों में लागू किया जायेगा. वहीं जरूरत पड़ने पर इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है. मझगांव विधायक निरल पूर्ति के इस प्रयास की हर कोई सराहना कर रहा है. जिससे पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती इलाके के लोगों की बड़ी समस्या दूर हो जायेगी. विधायक निरल पूर्ति ने झारखंड सरकार के पत्रांक-ग्रेव.-5650, दिनांक 10.11.2017 के आलोक में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में नालीदार सीटें लगाने की अनुमति भी मांगी. अत: उपरोक्त तथ्यों के आलोक में पश्चिम सिंघम जिले के अनुआ आवास में जीआई सीट/एस्बेस्टस सीट लगाने हेतु अनुमति प्रदान करने हेतु ध्यान आकृष्ट किया गया। इसके जवाब में ग्रामीण विकास विभाग ने सरकारी बयान दिया कि अबुआ आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के कुल लक्ष्य 2,00,000 (दो लाख) में से पश्चिमी सिंहभूम जिले को 10.044 यूनिट आवास का लक्ष्य आवंटित किया गया है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के कुल लक्ष्य 4.50,000 (चार लाख पचास हजार) में से पश्चिमी सिंहभूम जिले को आवंटित किया गया है. आवास की 21,030 (इक्कीस हजार, तीस का लक्ष्य) इकाइयों का आवंटन किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण 2016 से लागू है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण दिशानिर्देश/एसओपी के अनुसार लागू की गई है। प्रति इकाई 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। जिसमें से 60% (72,000 बहत्तर हजार रूपये) केन्द्र सरकार द्वारा तथा 40% (48,000 अड़तालीस हजार रूपये) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यह राशि घर को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह लाभार्थी को सहायता राशि के रूप में दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत राज्य को लक्ष्य आवंटित नहीं किया गया।
उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने बेघर ग्रामीण परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संकल्प संख्या 4545 दिनांक 20.10.2023 के तहत अबुआ आवास योजना शुरू की है। इसे क्रियान्वित करने के लिए राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा अबुआ आवास योजना के दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गई, जिसमें मुख्य रूप से प्रति लाभार्थी 2.00 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। अंशदान राशि शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। अबुआ आवास योजना के तहत राज्य स्तर पर लक्ष्य न्यूनतम 50% अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति, 10% अल्पसंख्यक है। पिछड़ा वर्ग के लिए 35% और सामान्य वर्ग के परिवारों के लिए 5% राशि निर्धारित की गई है।
अबुआ आवास योजना की मार्गदर्शिका के कंडिका 6.6.3 में स्पष्ट उल्लेख है कि सहायता राशि की तीसरी किश्त से छत डालना है। राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में छत बनाने में कठिनाई हो रही है, जिसके कारण पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी, गोईलकेरा, आनंदपुर, गनोहरपुर, टोंटो, मझगांव आदि प्रखंडों में लाभुकों द्वारा आवास निर्माण किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है. पश्चिमी सिंहभूम के उक्त दुर्गम एवं सुदूरवर्ती प्रखंडों के लिए नालीदार सीटें/जीआई सीटें स्थापित करने हेतु मंत्रिपरिषद के संकल्प को शिथिल करने हेतु विभाग द्वारा ज्ञापांक संख्या-11 के तहत स्थापित नियमों के अनुसार मंत्रिपरिषद से अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है। 2910 दिनांक 30.07.2025. इस प्रस्ताव में अबुआ आवारा योजना के तहत छत ढलाई के स्थान पर नालीदार सीट/जीआई सीट के उपयोग के संबंध में मार्गदर्शन तैयार किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि किसी भी परिस्थिति में नालीदार सीट/जीआई सीट के आपूर्तिकर्ता को इस मामले में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि छत ढलाई से संबंधित एसओपी को शिथिल कर नालीदार सीट/जीआई सीट के उपयोग के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद इसकी सूचना निकटतम मंत्रिपरिषद की बैठक में विधानसभा को दी जायेगी. विधानसभा में रखी गई मांग पर स्थानीय लोग विधायक निरल पूर्ति के प्रति खुशी जाहिर कर रहे हैं. जिससे पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को घर बनाने में काफी सुविधा होगी.
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