गीजर के धीमी गति से गर्म होने वाले पानी की समस्या का समाधान: ठंड का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में घरों में गर्म पानी के लिए गीजर का इस्तेमाल होने लगा है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि गीजर पुराना होने के कारण पानी जल्दी गर्म नहीं होता और हम गीजर को खराब मान लेते हैं. ऐसे में अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो आपको नया गीजर खरीदने की जरूरत नहीं है। कई बार पुराने गीजर के अंदरूनी हिस्सों में कुछ छोटी-मोटी दिक्कतें आ जाती हैं, जिससे गीजर की परफॉर्मेंस प्रभावित होती है और गीजर पानी को जल्दी गर्म नहीं कर पाता। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन कारणों से गीजर देर से पानी गर्म करता है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
हीटिंग तत्व कमजोर हो गया है
गीजर के अंदर लगा हीटिंग एलिमेंट पानी को गर्म करने का काम करता है। ऐसे में गीजर के लंबे समय तक इस्तेमाल और सर्विसिंग की कमी के कारण हीटिंग एलिमेंट में कैल्शियम और मिनरल्स जमा होने से यह कमजोर हो सकता है या इसमें जंग लग सकता है, जिसके कारण यह पहले की तरह तेजी से पानी गर्म नहीं कर पाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने गीजर को बेकार मानने से पहले किसी तकनीशियन से इसकी जांच करा लें। यदि आवश्यक हो, तो गीजर के हीटिंग तत्व को एक नए से बदलें। साथ ही समय-समय पर सर्विसिंग भी कराते रहें।
टैंक में पपड़ी या जमी हुई मैल
कई स्थानों पर पानी बहुत कठोर है। कठोर जल में अधिक खनिज (जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम) भी होते हैं, जो स्केलिंग के रूप में टैंक के अंदर जमा हो जाते हैं। यह स्केलिंग ऊष्मा स्थानांतरण को प्रभावित करती है, जिसके कारण गीजर पानी को धीरे-धीरे गर्म करता है। ऐसे में पुराने गीजर का इस्तेमाल करने से पहले टैंक डीस्केलिंग कराना जरूरी है। अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो सबसे पहले किसी मैकेनिक से टैंक के अंदर स्केलिंग करवा लें। गीजर के साथ वॉटर सॉफ़्नर फ़िल्टर का भी उपयोग करें। अगर गीजर बहुत पुराना हो गया है तो टैंक बदल लेना बेहतर होगा।
थर्मोस्टेट दोष
गीजर में लगा थर्मोस्टेट तापमान को नियंत्रित करता है। यदि थर्मोस्टेट ख़राब हो जाए तो या तो पानी बहुत अधिक गर्म हो जाता है या फिर बहुत धीरे-धीरे गर्म होता है। ऐसे में थर्मोस्टेट की सेटिंग और वायरिंग की जांच किसी इलेक्ट्रीशियन से करवा लें। यदि थर्मोस्टेट खराब है तो उसे तुरंत बदलवा लें।
बिजली आपूर्ति या वोल्टेज की समस्या
अगर आपके घर में वोल्टेज फ्लक्चुएशन यानी वोल्टेज अप-डाउन की समस्या रहती है तो गीजर को जरूरत के मुताबिक गर्म पानी पैदा करने के लिए बिजली नहीं मिल पाती है। उचित बिजली न मिलने के कारण गीजर का हीटिंग एलिमेंट सही तापमान तक नहीं पहुंच पाता और पानी गर्म होने में देरी होती है। ऐसे में वोल्टेज अप-डाउन से बचने के लिए घर में गीजर के लिए वोल्टेज स्टेबलाइजर लगवा लें, ताकि वोल्टेज अप-डाउन होने पर भी गीजर को जरूरत के मुताबिक बिजली मिल सके। इसके साथ ही सॉकेट कनेक्शन की जांच जरूर करा लें। क्योंकि कई बार सॉकेट में वायरिंग की समस्या के कारण गीजर को सही पावर नहीं मिल पाती है।
पुराना या ओवरलोडेड गीजर
अगर गीजर 5 से 8 साल पुराना है तो इसकी हीटिंग क्षमता अपने आप कम हो जाती है। इसके अलावा अगर आप छोटे गीजर से ज्यादा पानी गर्म करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह भी धीरे-धीरे काम करेगा। ऐसे में अगर टेक्नीशियन हीटिंग एलिमेंट बदलने को कहे तो बदल लें। यदि संभव हो तो पुराने मॉडल के स्थान पर नया ऊर्जा कुशल गीजर लें।
गीजर की नियमित सर्विसिंग का अभाव
एसी-फ्रिज की तरह गीजर को भी समय-समय पर सर्विसिंग की जरूरत होती है। ऐसे में अगर सर्विसिंग न कराई जाए तो गीजर की परफॉर्मेंस कम हो जाती है। इसलिए गीजर की समय-समय पर सर्विसिंग और सफाई कराते रहें। इसके अलावा गीजर के पाइप और आउटलेट पर जमा पानी में मौजूद मिनरल्स को भी समय-समय पर साफ कराते रहें।
गीजर का हीटिंग तत्व कब बदलना चाहिए?
यदि आपका गीजर पहले से अधिक समय ले रहा है या पानी ठीक से गर्म नहीं कर पा रहा है, तो हीटिंग तत्व कमजोर हो गया है। ऐसे में किसी टेक्नीशियन से इसकी जांच कराएं और जरूरत पड़ने पर नया एलिमेंट लगवा लें।
गीजर में स्केलिंग या टैंक की सफाई कितनी बार करनी चाहिए?
गीजर की स्केलिंग या टैंक की सफाई हर 6 महीने से 1 साल में करवाना जरूरी है।
क्या वोल्टेज ऊपर-नीचे होने से गीज़र का प्रदर्शन प्रभावित होता है?
हां, वोल्टेज अप-डाउन के कारण गीजर को पूरी पावर नहीं मिल पाती, जिससे पानी देर से गर्म होता है। ऐसी स्थिति में वोल्टेज स्टेबलाइज़र का उपयोग करना सबसे अच्छा समाधान है।
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