इंदौर, 10 नवंबर (भाषा) इंदौर की एक प्रशासनिक अधिकारी की अदालत ने ‘लव जिहाद’ की कथित फंडिंग के मामले में जेल में बंद कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी की सदस्यता सोमवार को समाप्त कर दी और उन्हें अगले पांच साल तक नगर निगम चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया।
‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा यह दावा करने के लिए किया जाता है कि मुस्लिम पुरुष दूसरे धर्म की महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए उन्हें प्यार के जाल में फंसाते हैं।
शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने 20 जून को इंदौर संभाग के आयुक्त कार्यालय को पत्र लिखकर कादरी के खिलाफ दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों का हवाला देते हुए कानूनी प्रावधानों के तहत उन्हें वार्ड क्रमांक 58 के पार्षद पद से हटाने का अनुरोध किया था.
उधर, कादरी की पत्नी जुलेखा ने अपने पति को निर्दोष बताते हुए संभागीय आयुक्त की अदालत में जवाब पेश किया था और कहा था कि कांग्रेस पार्षद पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और ‘राजनीतिक द्वेष के कारण उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है.’
इंदौर संभाग के आयुक्त सुदाम खाड़े की अदालत ने रिकॉर्ड पर मौजूद दस्तावेजों और दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद इस मामले में फैसला सुनाया.
उन्होंने फैसले में कहा, ”मैं मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 19 (1) (ए) के तहत पाता हूं कि प्रतिवादी कादरी का पार्षद बने रहना जनहित और नगर निगम हित में वांछनीय नहीं है.” इसलिए, प्रतिवादी कादरी को तत्काल प्रभाव से इंदौर नगर निगम के पार्षद पद से हटाया जाता है और अधिनियम की धारा 23 के तहत अगले पांच वर्षों के लिए (नगर निगम) चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है।
इससे पहले 9 अक्टूबर को हुए इंदौर नगर निगम के परिषद सम्मेलन के दौरान दो-तिहाई बहुमत के आधार पर कादरी की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया था.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘लव जिहाद’ की कथित फंडिंग के मामले में करीब ढाई महीने तक फरार रहने के बाद कादरी ने 29 अगस्त को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था और औपचारिक गिरफ्तारी के बाद वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत शहर की केंद्रीय जेल में बंद हैं.
अधिकारी ने कहा कि शहर के दो युवकों – साहिल शेख और अल्ताफ शाह ने जून के दौरान पुलिस पूछताछ के दौरान कथित तौर पर स्वीकार किया था कि कादरी ने लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने के लिए उन्हें कुल 3 लाख रुपये दिए थे और उन्होंने यह रकम लड़कियों पर खर्च की थी।
अधिकारी के मुताबिक, दोनों युवकों को अलग-अलग मामलों में दो लड़कियों से बलात्कार और अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि दोनों युवकों के बयान के आधार पर कादरी के खिलाफ पैसे के बल पर धर्म परिवर्तन की साजिश में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद वह फरार हो गया.
अधिकारी ने बताया कि कादरी की गिरफ्तारी पर 40,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था और उस पर सख्त प्रावधानों वाला राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया गया था.
अधिकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता के खिलाफ इंदौर और उज्जैन के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
भाषा आनंद
कोई आदमी नहीं
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