कृषि: देश में जल संकट एक बड़ी समस्या है. जल संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने वाटरशेड कार्यक्रम शुरू किया है. इस कार्यक्रम को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए मंगलवार को वाटरशेड महोत्सव का उद्घाटन किया जाएगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आंध्र प्रदेश के गुंटूर में महोत्सव का शुभारंभ करेंगे।
सम्मेलन का मुख्य एजेंडा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करना, 2026 से लागू होने वाली भविष्य की वाटरशेड विकास योजना पर विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करना, जागरूकता और सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने के लिए वाटरशेड महोत्सव का शुभारंभ करना और पूर्व वाटरशेड परियोजनाओं के तहत बनाई गई संपत्तियों की बहाली के लिए एक अभियान शुरू करना है।
जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में राज्य और विशिष्ट वाटरशेड परियोजना स्तर पर वाटरशेड महोत्सव मनाया जाएगा। इस महोत्सव के अंतर्गत वाटरशेड जनभागीदारी कप 2025 के विजेताओं को पुरस्कृत करना, पूर्ण किये गये कार्यों का उद्घाटन, नये कार्यों का भूमिपूजन, श्रमदान और वृक्षारोपण अभियान चलाया जाना है। कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद रहेंगे.
इसका उद्देश्य मनरेगा फंड का बेहतर उपयोग करना है
डब्ल्यूडीसी- पीएमकेएसवाई 1.0 योजना के तहत निर्मित जल संरक्षण संरचनाओं के रखरखाव, मरम्मत को एक नई दिशा और गति देने के लिए वाटरशेड महोत्सव के तहत मिशन शुरू किया जाएगा। मनरेगा योजना की धनराशि का उपयोग करके ऐसे कार्य शुरू करने के लिए एक प्रभावी तंत्र बनाया जाएगा। सम्मेलन में नीति निर्माता, संबंधित मंत्रालयों, विभागों के प्रतिनिधि, अनुसंधान संगठनों के वैज्ञानिक, प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह महोत्सव ग्रामीण भारत में टिकाऊ जल और मिट्टी संरक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से जमीनी स्तर पर बदलाव लाना है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 का वाटरशेड विकास घटक वर्षा आधारित और बंजर भूमि के विकास के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) है, जिसे भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में लागू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत चेक डैम, गांव के तालाब, कृषि तालाब जैसे मिट्टी एवं नमी संरक्षण के कार्य किये जाते हैं। इसके अलावा वर्षा जल संचयन, स्प्रिंग शेड विकास, नर्सरी तैयारी, वृक्षारोपण, चारागाह विकास जैसे अन्य कार्य भी किये जाते हैं।
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