नीमच जिले की सिंगोली तहसील में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां राजस्व रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर एक व्यक्ति ने न केवल खुद को अवैध रूप से जमीन का मालिक घोषित कर दिया, बल्कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं का अवैध लाभ भी उठाया। इस फर्जीवाड़े में स्थानीय पटवारी की संलिप्तता भी संदेह के घेरे में है.
यह मामला सिंगोली तहसील की पंचायत हल्का नंबर 13 के ग्राम बंडा का है। शिकायत के अनुसार आरोपी जगदीश पुत्र बंशीलाल धाकड़ पर सर्वे क्रमांक 270/1/17 एवं 270/1/15 के भू-अभिलेखों में हेराफेरी करने का आरोप है।
ज़मीनी स्थितियाँ: ये दोनों जमीनें वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक राजस्व अभिलेखों में रिक्त (रिक्त) दर्ज थीं।
धोखा: आरोप है कि जगदीश धाकड़ ने बिना किसी वैध दस्तावेज के तत्कालीन पटवारी प्रकाश जैन से मिलीभगत कर इन जमीनों को अपने और अपने पिता बंशीलाल के नाम पर दर्ज करा लिया।
अवैध लाभ: खुद को जमीन का मालिक बताकर फर्जी तरीके से जगदीश धाकड़ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना शुरू कर दिया, जबकि वह इसका कानूनी मालिक नहीं था।
ऑनलाइन रिकार्ड में भी त्रुटियां मिलीं
जांच में पता चला है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए न सिर्फ संबंधित भौतिक दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई बल्कि ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड से भी छेड़छाड़ की गई. इससे यह साफ हो गया है कि यह धोखाधड़ी एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई है.
मास्टरमाइंड कौन है?
इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड जगदीश धाकड़ को माना जा रहा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने और उनके पिता बंशीलाल धाकड़ ने जानबूझकर खुद को जमीन का मालिक बताया, जबकि वे कानूनी तौर पर मालिक नहीं थे।
पटवारी पर भी गंभीर आरोप
इस मामले में पटवारी प्रकाश जैन पर फर्जी एंट्री करने और जगदीश धाकड़ से मिलीभगत करने का भी गंभीर आरोप है. उनकी भूमिका की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में उन्होंने बिना वैध दस्तावेजों के सरकारी रिकॉर्ड में यह हेराफेरी की। इस संबंध में तहसीलदार प्रेम शंकर पटेल ने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है, रिकार्ड देखने के बाद बताऊंगा, यानी उन्होंने पल्ला झाड़ लिया.
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट



