पटना. बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है.
इस फैसले के बाद बिहार बीजेपी ने राहत की सांस ली है सत्य की जीत बताया।
पार्टी प्रवक्ता -नीरज कुमार कहा कि कोर्ट का फैसला सम्राट चौधरी की निष्ठा, ईमानदारी और सार्वजनिक जीवन में उनकी कर्तव्यपरायणता का प्रमाण है।
उम्र और शैक्षणिक योग्यता पर लगाए गए आरोप खारिज
चुनाव की घोषणा के बाद विपक्षी दलों ने सम्राट चौधरी की आलोचना की थी.
- आयु
- शैक्षणिक योग्यता
- और चुनाव प्रक्रिया
को लेकर सवाल उठ रहे थे.
इन्हीं आरोपों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर तारापुर विधानसभा क्षेत्र से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की गई थी.
बीजेपी ने शुरू से ही ऐसा किया राजनीतिक साजिश बताया।
हैदराबाद के याचिकाकर्ता की मंशा पर भी सवाल उठाए गए.
प्रवक्ता नीरज कुमार के मुताबिक, याचिका हैदराबाद के एक व्यक्ति ने दायर की थी, जिसने खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता बताया था, हालांकि उसके वित्तीय दावे और वकील की भारी फीस के बीच भारी विरोधाभास पाया गया था।
भाजपा ने इसे “राजनीतिक साजिश का हिस्सा” बताया जिसका उद्देश्य चुनावों को प्रभावित करना और जनता को गुमराह करना है।
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिया साफ संदेश- ‘राजनीतिक मुद्दों को कोर्ट से दूर रखें’
कोर्ट ने न सिर्फ याचिका खारिज कर दी बल्कि याचिकाकर्ता को इसे वापस लेने के लिए भी मजबूर कर दिया.
साथ ही भविष्य में इस मामले को दोबारा अदालत में चुनौती देने की इजाजत नहीं दी गई.।।
साफ़ है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित माना और महत्वहीन पाया.
बीजेपी के मुताबिक यह फैसला सम्राट चौधरी पर लगे सभी आरोपों को पूरी तरह से ध्वस्त कर देता है और दिखाता है कि-
“सच्चाई और न्याय की हमेशा जीत होती है।”
बीजेपी ने कहा- जनता भ्रमित न हो, सम्राट चौधरी विकास के लिए समर्पित हैं
पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने जनता से विपक्ष द्वारा फैलाये जा रहे बेबुनियाद आरोपों और गलत बयानों से सावधान रहने की अपील की.
उसने कहा:
“सम्राट चौधरी बिहार के विकास के लिए समर्पित हैं। उनकी मेहनत और ईमानदारी से जनता वाकिफ है।”
बीजेपी ने साफ कर दिया कि वह अपने नेता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी और भविष्य में भी “सत्यमेव जयते” के रास्ते पर आगे बढ़ेगी.
विपक्ष को सलाह- ‘कोर्ट का दुरुपयोग न करें’
बीजेपी ने विपक्ष से कहा कि वह अदालत को परेशान करने वाली ऐसी राजनीतिक रूप से प्रेरित याचिकाओं और गतिविधियों से दूर रहें और बिहार के विकास में रचनात्मक योगदान दें.
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