नीमच. पिछले सप्ताह नीमच-जावद रोड पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले शिक्षक दशरथ बावरी के परिवार की मदद के लिए अब आम लोग आगे आए हैं। प्रशासन से मिली सहायता राशि को इलाज के खर्च के मुकाबले अपर्याप्त बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने जनसहयोग से धन जुटाना शुरू कर दिया है. इसके लिए परिवार के अकाउंट से जुड़ा एक क्यूआर कोड सोशल मीडिया पर जारी किया गया है.
क्या था पूरा मामला?
घटना पिछले सप्ताह महेशपुरिया के पास हुई, जब एएसआई मनोज यादव की कार ने शिक्षक दशरथ बावरी की बाइक को टक्कर मार दी. खबरों के मुताबिक, एएसआई नशे में था. इस हादसे में जावद निवासी शिक्षक दशरथ की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे में उनके बेटे हर्षित को सबसे ज्यादा गंभीर चोटें आईं। उनके पैर को इतना नुकसान हुआ कि डॉक्टरों को उनकी जान बचाने के लिए पैर को काटना पड़ा। फिलहाल हर्षित का उदयपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है
परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी. हादसे के बाद इलाज पर अब तक 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं, जबकि यह खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। परिवार ने कई बार सरकार और प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई, लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ ₹50,000 की सहायता राशि ही मिल पाई है. इलाज के भारी खर्च को देखते हुए यह रकम नाकाफी साबित हो रही है.
जब समाज ने जिम्मेदारी ली
प्रशासनिक उदासीनता के बीच जावद, नीमच, मंदसौर और आसपास के इलाकों के लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. शिक्षक समुदाय, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने परिवार की मदद की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने परिवार के बैंक खाते से जुड़ा एक क्यूआर कोड और यूपीआई जानकारी साझा की है, ताकि लोग अपनी क्षमता के अनुसार सीधे वित्तीय मदद भेज सकें। यह कैंपेन सोशल मीडिया पर भी चलाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पीड़ित परिवार की मदद कर सकें.
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट



