मेनक्योर पिरामिड डिस्कवरी: मेनक्योर पिरामिड गीज़ा के तीन प्रमुख पिरामिडों में सबसे छोटा है, लेकिन रहस्य और जिज्ञासा की दृष्टि से यह सबसे बड़ा साबित हो रहा है। वैज्ञानिकों ने पिरामिड के अंदर दो छिपे हुए ‘खाली स्थान’ की खोज की है, जो एक गुप्त प्रवेश द्वार की ओर इशारा कर सकते हैं जिसे विशेषज्ञ वर्षों से खोज रहे हैं। लगभग 4500 साल पहले (लगभग 2510 ईसा पूर्व) चौथे राजवंश के दौरान बनाया गया यह पिरामिड राजा मेनक्योर का मकबरा माना जाता है।
मेनक्योर पिरामिड डिस्कवरी: स्कैनिंग तकनीक से खुला रहस्य
यह खोज स्कैन पिरामिड प्रोजेक्ट के तहत की गई थी, जिसमें काहिरा विश्वविद्यालय और जर्मनी के तकनीकी विश्वविद्यालय म्यूनिख (टीयूएम) के शोधकर्ता शामिल हैं। टीम ने पिरामिड के अंदर झाँकने के लिए तीन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया – जियो-रडार, अल्ट्रासाउंड और इलेक्ट्रिकल रेजिस्टेंस टोमोग्राफी। पिरामिड को नुकसान पहुंचाए बिना की गई इस स्कैनिंग से हवा से भरी दो रिक्तियां सामने आईं। पहली खाली जगह लगभग 4.6 फीट गहरी, 3.2 फीट ऊंची और 4.9 फीट चौड़ी है। दूसरी जगह 3.7 फीट गहरी, 3 फीट ऊंची और 2.3 फीट चौड़ी है।
टीयूएम के प्रोफेसर क्रिश्चियन ग्रोसे के मुताबिक, बिना ड्रिलिंग के इतनी सटीक जानकारी मिलना मिस्र के पुरातात्विक शोध में एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “पिछले साल, खुफू पिरामिड में एक नया कक्ष पाया गया था और यह खोज एक और बड़ी उपलब्धि है। मिस्र के पिरामिड अभी भी कई रहस्य रखते हैं।”
मेनक्योर पिरामिड डिस्कवरी: ग्रेनाइट की दीवार के पास मिला चिन्ह
दोनों खाली स्थान पिरामिड के पूर्वी भाग में पाए गए। यहां 13 फीट ऊंची और 20 फीट चौड़ी दीवार है, जो बेहद चिकने और खूबसूरत ग्रेनाइट ब्लॉक से बनी है। ऐसी फिनिशिंग वाले ग्रेनाइट ब्लॉक अब तक केवल पिरामिड के मुख्य प्रवेश द्वार (उत्तरी तरफ) पर पाए गए थे। इससे यह संदेह गहराता है कि इस पूर्वी हिस्से में कोई छिपा हुआ रास्ता हो सकता है. 2019 में शोधकर्ता स्टीन वैन डेन होवेन ने सुझाव दिया था कि इस पिरामिड में दूसरा गुप्त प्रवेश द्वार भी हो सकता है। नई खोज से उनका दावा और मजबूत हो गया है.
क्या यह रास्ता किसी छिपी हुई सुरंग या वस्तु की ओर जाता है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये खाली स्थान किसी गुप्त मार्ग, बंद सुरंग या किसी प्राचीन कलाकृति का सुराग हो सकते हैं जिसे सदियों से सील कर दिया गया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि मेनक्योर पिरामिड में सिर्फ एक नहीं, बल्कि दो प्रवेश द्वार रहे होंगे, एक जो आज दिखाई देता है, और दूसरा जो हजारों साल पहले बंद कर दिया गया था। मिस्र के पुरावशेष मंत्रालय ने कहा है कि आने वाले महीनों में इन खाली जगहों की और जांच की जाएगी। इसके लिए पिरामिड के अंदर रोबोटिक ड्रोन और फाइबर-ऑप्टिक कैमरे भेजे जाएंगे, ताकि पत्थरों को हटाए बिना इन जगहों के अंदर की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त की जा सके।
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