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Saturday, November 22, 2025
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ट्रंप की दादागिरी चीन के आगे फीकी, ड्रैगन ने बनाया दुनिया का सबसे खतरनाक ‘गोल्डन डोम’


China Develops World Most Dangerous Golden Dome: जब दुनिया की बड़ी ताकतें मिसाइल रक्षा में अपना दांव खेल रही हैं, चीन ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपनी पहली वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित की है, जिसका नाम है “फैला हुआ प्रारंभिक चेतावनी पहचान बिग डेटा प्लेटफॉर्म”. विशेषज्ञ इसे अमेरिका की गोल्डन डोम परियोजना के बराबर का मान रहे हैं. शुरुआती परीक्षणों में यह प्रणाली दुनिया भर से चीन पर दागी जाने वाली 1,000 मिसाइलों पर वास्तविक समय में नजर रख सकती है.

नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह प्रोटोटाइप अंतरिक्ष, महासागर, वायु और जमीन पर फैले सेंसर नेटवर्क का इस्तेमाल कर खतरों की पहचान और विश्लेषण कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रतिस्पर्धा और सामरिक शक्ति संतुलन को नया रूप दे सकता है.

China Develops World Most Dangerous Golden Dome: गोल्डन डोम का सपना

चीन की इस प्रणाली के पीछे अमेरिकी मिसाइल रक्षा महत्वाकांक्षाओं की प्रेरणा मानी जा रही है. इतिहास में देखें तो 1983 में तत्कालीन राष्ट्रपति रॉनाल्ड रीगन ने रणनीतिक रक्षा पहल (एसडीआई) की घोषणा की थी, जिसे ‘स्टार वार्स’ कहा गया. राष्ट्रपति रीगन का सपना था कि एक ऐसी प्रणाली बने जो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सके और शहरों को परमाणु हमले से बचा सके. हालांकि यह सपना सोवियत संघ के पतन तक पूरा नहीं हुआ, लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के शासनकाल में इसे फिर से हवा मिली. मई 2025 में ट्रंप ने 175 अरब डॉलर की बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली पेश की, जिसे गोल्डन डोम नाम दिया गया. 

इसमें एक उपग्रह आधारित और तीन भूमि आधारित सुरक्षा परतें थीं, जो अमेरिका, अलास्का और हवाई में तैनात होंगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस परियोजना में कुल 11 लघु-दूरी बैटरियां और चार परतें शामिल होंगी. ट्रंप के इस महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को चीन ने अब अपने प्लेटफॉर्म के साथ चुनौती दी है.

दुनिया की पहली ऐसी मिसाइल रक्षा प्रणाली है

रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वैज्ञानिकों ने प्रोटोटाइप पहले ही तैनात कर दिया है. यह प्रणाली अंतरिक्ष, महासागर, वायु और जमीन पर सेंसर नेटवर्क के जरिए संभावित खतरों की वास्तविक समय पहचान और विश्लेषण कर सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह दुनिया की पहली ऐसी मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो वैश्विक कवरेज करती है. यह प्रणाली प्रकाश प्रक्षेप पथ, हथियार का प्रकार और असली या नकली होने जैसी जानकारी हासिल कर सकती है. नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने 2 सितंबर को मॉडर्न रडार पत्रिका में लिखा कि प्रोटोटाइप 1,000 डेटा प्रोसेसिंग कार्यों तक वितरित समानांतर शेड्यूलिंग कर सकता है. इसका मतलब है कि वास्तविक समय में चेतावनी और पहचान डेटा को एक साथ करके प्रोसेसिंग और विश्लेषण संभव हो गया है.

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रतिस्पर्धा को तेज करेगा. भले ही प्रणाली अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन चीन के प्रयास से सामरिक शक्ति संतुलन बदल सकता है. अंतरिक्ष आधारित सुरक्षा प्रणालियों पर नई बहस को जन्म देने के साथ ही, यह प्रोटोटाइप चीन की वैश्विक रक्षा क्षमताओं को नई दिशा देगा. विश्लेषकों के अनुसार, यह तकनीक सामरिक रक्षा में चीन को महत्वपूर्ण बढ़त दे सकती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की महत्वाकांक्षा को चुनौती देने के लिए तैयार है.

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