धनबाद समाचार: गंगा गौशाला में कवि सम्मेलन में उमड़े श्रोता. धनबाद समाचार: श्री गंगा गौशाला कतरास में रविवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. अध्यक्षता उद्योगपति श्रवण खेतान ने की. कवि सम्मेलन का उद्घाटन अतिथियों ने किया. डॉ. अनामिका अंबर ने काव्य पाठ की शुरुआत सरस्वती वंदना से की। डॉ. अनामिका ने ‘वह भूमि जो देवताओं की सबसे पवित्र धरोहर है, जहां हर पल सत्यम शिवम सुंदरम का आशीर्वाद देती है, धर्म, अच्छे कर्म, संस्कृति, सभ्यता और कर्तव्य का मंदिर है, हमें गर्व है कि हमारा देश भारत है…’ कविता सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. मंजू शाक्य ने ‘देश पहले आना चाहिए, बाकी सब उसके बाद आना चाहिए, हम जनता के नेता हैं, ये हमें हमेशा याद रखना चाहिए, दुश्मन के सामने सिर झुकाकर ये कभी स्वीकार नहीं करेंगे, हम रहें या मिट जाएं, ये भारत जिंदाबाद…’ कविता सुनाकर देशभक्ति का जोश भर दिया। कवि विनोद पाल ने कहा, ‘तुम अपने ही चरित्र की आलोचना कर रहे हो, अगर तुम अच्छे हो तो अपना स्वभाव क्यों बदल रहे हो, अगर कोई लड़की तुम्हें देखकर अपना रास्ता बदल रही है, तो जान लो कि तुम गलत रास्ते पर चल रहे हो… कविता पाठ वर्तमान समय पर केंद्रित था।
जब कोई प्यार कहता है तो मैं उसका नाम लिख देता हूँ…
त्रिशाश्री ने ‘बहुत ही सरल शब्दों में उसे लिखती हूं, गाना तो लगता है लेकिन संदेश लिखती हूं, खत उसके नाम लिखती हूं, गजल उसके नाम लिखती हूं, जब कोई कहता है प्यार, तो उसके नाम लिखती हूं’ पेश कर तालियां बटोरीं। कवि आनंद महेंद्र ने कहा, तुम्हें चित्रकारों को बुलाने की क्या जरूरत है, तुम धानी चूनर पहनकर बहुत सुंदर लगती हो। मैं ओज की मूर्ति बन जाऊं, मैं ऐसा अपना श्रृंगार कर लूं, मैं केसरिया पहन लूं, मैं चुनरिया केसरिया बन फिरूं.. सुनाया। मौके पर गौशाला अध्यक्ष अनीश डोकानिया, सुरेंद्र अग्रवाल, महासचिव महेश अग्रवाल, सचिन दीपक अग्रवाल, कोषाध्यक्ष डीएन चौधरी, कमलेश सिंह, विष्णु चौरसिया, तापस दे, पंकज सिन्हा, डॉ. बीएन चौधरी, डॉ. स्वतंत्र कुमार, डॉ. मधुमाला, अरुण चौधरी, मनोज गुप्ता, उदय वर्मा आदि मौजूद थे।
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